हिन्दू जनजागृति समिति के ज्ञापन पर सरकार का आश्वासन
मुंबई : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ११ मार्च को राज्य के पर्यावरण राज्यमंत्री संजय बनसोडे को ज्ञापन प्रस्तुत कर राष्ट्रीय हरित आयोग के आदेशानुसार सरकार को कागज के लुगदे से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों के लिए प्रोत्साहन ना बंद कर उस संदर्भ में जनजागृति करने की मांग की गई। इस समय मंत्री श्री. बनसोडे ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सदस्य सचिव के साथ बैठक कर चर्चा कदेरने का आश्वासन दिया और साथ ही उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सदस्य सचिव को निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. अरविंद पानसरे, कार्यकर्ता श्री. अजय संभूस और श्री. सतीश सोनार उपस्थित थे।
राष्ट्रीय हरित आयोग का महत्त्वपूर्ण निर्णय
महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से समाज में ‘गणेशोत्सव में कागज के लुगदे से बनाई जानेवाली गणेशमूर्तियों का उपयोग किया जाए; क्योंकि उससे प्रदूषण नहीं होता’, ऐसा दुष्प्रचार आरंभ किया था।
राज्य की तत्कालीन सरकार इस अंधविश्वास के झांसे में आ गई और ३ मई २०११ को पर्यावरण विभागद्वारा ‘पर्यावरणपूरक त्योहार मनाने हेतु मार्गदर्शक सूचनाएं’ नाम से सरकार ने निर्देश जारी किए। इस निर्णय में राज्य के विविध स्थानोंपर कागज के लुगदे से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों को प्रोत्साहन दिया जाए और ऐसी मूर्तियां सर्वत्र उपलब्ध हों; इसके लिए प्रधानता ली जाए अथवा ऐसी मूर्तियों को विशेष छूट दी जाए, ऐसा उल्लेख किया गया था; परंतु ३० सितंबर २०१६ को राष्ट्रीय हरित आयोग, पुणे (National Green Tribunal) द्वारा ‘यह निर्णय अनुचित है और ऐसा करना पर्यावरण के लिए घातक है’, ऐसा निर्णय दिया गया।
हिन्दू जनजागृति का अनुरोध स्वीकार
इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पिछले ४ वर्षों से पर्यावरणमंत्री, राज्यमंत्री और अनेक विधायकों को बार-बार ज्ञापन प्रस्तुत कर कागज के लुगदे से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई; परंतु वास्तव में शासन की ओर से इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसलिए अब इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ ही बैठक करने का अनुरोध किया गया है। इस मांग पर मंत्री संजय बनसोडे ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए उक्त आश्वासन दिया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात