ISIS में शामिल होने के लिए केरल से भागकर अफगानिस्तान जाने वाली २ जिहादी औरतें अब भारत लौटना चाहती हैं। इनका नाम निमिषा उर्फ फातिमा और सोनिया उर्फ आयशा है। इनका कहना है कि, इनके शौहरों को अफगानिस्तान में मार दिया गया है।
सोनिया ने बताया कि, वह अफगानिस्तान में अपने जीवन से बहुत असंतुष्ट है। वे अपने पति के परिवार के पास वापस लौटना चाहती है। जबकि निमिषा का कहना है कि वो अपनी मां बिंदु संपथ से मिलना चाहती है, बशर्ते उसे गिरफ्तार न किया जाए।
गौरतलब है कि पिछले साल ९०० आतंकियों ने अफगान सुरक्षाबलों के आगे आत्मसमर्पण किया था। इनमें से करीब १० आतंकी भारत से थे और इनमें भी अधिकतर केरल से थे। साल २०१६ में कई आतंकी केरल से अफगान गए थे। कुछ अपने साथ अपने पूरे परिवार को ले गए थे, जबकि कुछ अकेले चले गए थे।
इन आतंकियों ने अफगानिस्तान के पूर्वी प्रान्त नंगरहार में सरेंडर किया था, जहां अफगान सुरक्षाबलों ने ISIS के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ा हुआ था। ये अभियान १२ नवंबर को जारी हुआ था। जिसके शुरु होने के कुछ ही घंटों के बाद ९३ आतंकियों ने सुरक्षाबल के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था।
यहां बता दें, कि ऐसी स्थिति में भारत आने की इच्छा जताने वाली दोनों लड़कियाँ भी भारत से २०१६ में ISIS ज्वाइन करने के लिहाज से अफगानिस्तान गई थीं। इन दोनों लड़कियों ने कॉलेज के समय में इस्लाम धर्म अपनाया था। बाद में निमिषा ने ईसा से निकाह किया था और सोनिया ने अब्दुल राशिद से।
निमिषा एक डेंटल स्टूडेंट थी। जो केरल के तिरुवनंतपुरम इलाके की रहने वाली थी। इसने बिना अपनी मां को बताए बेक्सिन नामक एक ईसाई से शादी की थी। बाद में दोनों ने इस्लाम कबूल कर लिया था और कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर कट्टरपंथ की राह पर चल पड़े थे। निमिषा उन 21 लोगों में से थी जिन्होंने ISIS से जुडने के लिए केरल छोडा था।
इसके अलावा इंजीनियर अब्दुल राशिद और उसकी एमबीए पत्नी सोनिया उर्फ आयशा दोनों पीस एड्यूकेशनल फाउंडेशन के लिए काम करते थे। जिसकी देखरेख में १० विद्यालय चलते थे। इस दंपत्ति पर आरोप था कि इन्होंने पदन्ना, पलक्कड और त्रिकिपुर में २२ छात्रों को कट्टरपंथ के राह पर ढकेला था।
स्त्रोत : OpIndia