विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में ज्योतिर्मय योग एवं निसर्गोपचार केंद्र की ओर से व्याख्यान का आयोजन
पंढरपुर (जिला सोलापुर, महाराष्ट्र) : आज के भागदौडभरे जीवन में मन के स्वास्थ्य को टिकाए रखना अत्यावश्यक बन गया है। मन पर अयोग्य संस्कार दृढ होने पर उन्हें निकालने हेतु कठोरता से प्रयास करने पडते हैं। हम में विद्यमान दोषरूपी संस्कार जब गुणरुपी संस्कारों में परिवर्ति होते हैं, तभी जाकर हम जीवन में आनंदित हो सकते हैं। इसके लिए सांस पर ध्यान केंद्रित करना, उपास्यदेवता का नामजप करना, स्वसूचनाएं देना जैसे उपायों के माध्यम से हमारे मनोबल का रूपांतरण आत्मबल में कर हम भी इतिहास में अजरामर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती जैसी वीरांगनाओं की भांति आदर्श महिला बन सकते हैं ! हिन्दू जनजागृति समितिप्रणीत रणरागिणी शाखा की श्रीमती अलका व्हनमारे ने ऐसा प्रतिपादित किया।
विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में ज्योतिर्मय योग एवं निसर्गोपचार केंद्र की ओर से आयोजित व्याख्यान में वे बोल रही थीं। इस कार्यक्रम में २०० महिलाएं उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम का आयोजन निसर्गोपचार विशेषज्ञ डॉ. ज्योति शेट्ये ने किया।