अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में कश्मीर कनेक्शन निकला है। मालूम चला है कि 150 सिखों पर हमला करने वाले आतंकियों में से एक भारत का जिहादी था जिसने कश्मीर मुसलमानों का बदला लेने की नियति से इसको अंजाम दिया। इतना ही नहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये आतंकी पहले भारतीयों को मारने के लिए काबुल स्थित इंडियन एंबेसी को निशाना बनाने आए थे। लेकिन वहाँ सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखकर आतंकियों ने गुरुद्वारे को निशाना बनाया।
इस हमले की जिम्मेदारी IS ने ली है। जिस बंदूकधारी ने गुरुद्वारे में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पर ताबड़तोड़ गोली चलाई वो भारत से था। आतंकी की पहचान अबु खालिद अल हिंदी के रूप में हुई है। इंटेलीजेंस ग्रुप SITE के मुताबिक खालिद ने कश्मीर का बदला लेने के लिए इस हमले को अंजाम दिया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने इस तरह के हमले को लेकर आगाह कर रखा था। इसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान से भारत को बाहर निकालने के मकसद से आतंकी साजिशें रची जा रही है। इन इनपुट के आधार पर एंबेसी की सुरक्षा के इंतजाम सख्त कर दिए गए थे। इसके कारण आतंकी अपने मूल उद्देश्य को अंजाम नहीं दे पाए।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुरुद्वारे को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि ये एक सॉफ्ट टारगेट था। उनके मुताबिक, उनके मुताबिक, काबुल में भारतीय दूतावास पर और जलालाबाद में वाणिज्य दूतावास पर आतंकी हमले को लेकर काफी समय से अलर्ट जारी है। जिसके कारण वहाँ सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था और एंबेसी के बाहर अधिक सैन्य टुकड़ी तैनात की गई थी। इसलिए यह उनके लिए आसान लक्ष्य नहीं था। तभी उन्होने गुरुद्वारे को हमले के लिए अपना टारगेट बनाया।
बता दें, 25 मार्च की सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिखों को निशाना बनाकर भीषण आतंकी हमला किया गया था। सुबह के करीब 7:45 बजे ये हमला हुआ। उस वक्त वहॉं 150 श्रद्धालु मौजूद थे। हमले में 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य घायल हो गए। यहाँ सबसे पहले एक फिदायीन हमलावर ने खुद को उड़ाया। फिर उसके बंदूकधारी साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। घटना की सूचना मिलते ही अफगान सुरक्षाबल एक्शन में आ गए। 6 घंटे की मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया। गुरुद्वारे में फँसे लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया और थोड़ी देर में हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ले ली।
गुरुद्वारे पर IS का हमला: 27 की मौत, 6 घंटे की मुठभेड के बाद 4 आतंकी भी मार गिराए गए
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिखों को निशाना बनाकर भीषण आतंकी हमला किया गया। गुरुद्वारे को आतंकियों ने निशाना हुआ। सुबह के करीब 7:45 बजे हमला हुआ। उस वक्त वहॉं 150 श्रद्धालु मौजूद थे। हमले में 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य घायल हो गए।
सबसे पहले एक फिदायीन हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। फिर उसके बंदूकधारी साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। घटना की सूचना मिलते ही अफगान सुरक्षाबल एक्शन में आ गए। 6 घंटे की मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया। गुरुद्वारे में फँसे लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली है।
#UPDATE Afghan forces have cleared the first floor of Sikh worship area in Kabul, where security forces are fighting terrorists. Many people who were inside the building have been rescued, reports Afghanistan media https://t.co/4lC8GpkMtD
— ANI (@ANI) March 25, 2020
जानकारी के मुताबिक, हमले के वक़्त अरदास के लिए गुरुद्वारे में कई छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद थे। हमले के बाद हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। सुरक्षाकर्मियों ने जब उन्हें बाहर निकाला, तब उनके चेहरे पर खौफ साफ दिखाई दे रहा था।
#UPDATE 27 civilians killed and 8 wounded in a terror attack on a Gurudwara in Kabul, Afghanistan. All 4 terrorists have been killed by Afghan security forces. pic.twitter.com/4UCOSXtXuw
— ANI (@ANI) March 25, 2020
काबुल पुलिस ने कहा कि कम से कम 11 बच्चों को गुरुद्वारे से बचाया गया है। वहीं इस संबंध में सिख विधायक नरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि करीब 150 लोग गुरुद्वारे के अंदर प्रार्थना कर रहे थे, जब यह हमला हुआ। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन के हवाले से बताया गया कि अफगान सुरक्षा बलों ने अंदर फँसे कई लोगों को बचा लिया है।
मोहन सिंह ने अलजजीरा को बताया कि हमले के वक्त वे भी गुरुद्वारे में थे। पहले उन्होंने गोलियाँ चलने की आवाज सुनी तो खुद को टेबल के नीचे छिपा लिया। अचानक धमाका हुआ और छत का एक टुकड़ा उन पर आ गिरा, जिससे वे घायल हो गए। मंत्रालय ने हमले के बाद गुरुद्वारे की तस्वीरों को शेयर किया है। इनमें अफगान सुरक्षाबल द्वारा कई बच्चों को रेस्क्यू करते दिखाई पड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में लंबे समय सिखों को व्यापक भेदभाव का सामना करना पड़ा है और कई बार आतंकवादियों ने भी उन्हें निशाना बनाया है। हालिया दिल्ली दंगों के बाद भी काबुल में सिखों की दुकान पर हमला हुआ था। अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस घटना का विडियो ट्विटर पर शेयर किया था। इसमें अधेड़ उम्र का सिख दुकानदार हाथ जोड़कर हताश खड़ा था और उसकी दुकान का सामान जमीन पर बिखरा था।
बता दें, अल्पसंख्यक सिखों पर यह पहला हमला नहीं है। पहले भी अफगानिस्तान में उन पर हमले होते आए हैं और डरकर वे भारत आने को मजबूर हुए हैं। 2018 में भी जलालाबाद में आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 13 सिख मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। हमले से सिख समुदाय इतना डर गया था कि उन्होंने देश छोड़ने का फैसला कर लिया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में अब 300 से भी कम सिख परिवार बचे हैं। इनके पास दो ही गुरुद्वारा है। एक जलालाबाद और दूसरा काबुल में।
संदर्भ : OpIndia