मुजफ्फरपुर (बिहार) : जिस प्रकार अधिवक्ता सरदार वल्लभभाई पटेल, लोकमान्य तिलक, स्वतंत्रतावीर सावरकर आदि क्रांतिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, उसी प्रकार आज अधिवक्ताओं को संविधान की धारा ३६८ के आधारपर संवैधानिकरूप से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने में योगदान देना चाहिए । उसके कारण साधना के बलपर हिन्दू राष्ट्र स्थापना करना संभव है । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने यह आवाहन किया । यहां के हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने मार्च के पहले सप्ताह में अधिवक्ताओं की बैठक का आयोजन किया था, उसमें वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने ‘साधना का महत्त्व तथा नामजप के कारण आनेवाले बदलाव’ विषयपर मार्गदर्शन किया । हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने मार्च के पहले सप्ताह में अधिवक्ताओं की बैठक का आयोजन किया था, उसमें वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने ‘साधना का महत्त्व तथा नामजप के कारण आनेवाले बदलाव’ विषयपर मार्गदर्शन किया ।
अधिवक्ता सांगोलकर ने आगे कहा कि,
१. मुजफ्फरपुर नगर की अस्वच्छता को दूर करने हेतु नगरपालिका से शिकायत करना, न्यायालय, शिक्षाक्षेत्र और प्रशासन तंत्र में चल रहा भ्रष्टाचार ध्यान में आनेपर उसका वैधानिक पद्धति से विरोध करना अधिवक्ताओं का दायित्व है ।
२. भारत में एफ्.एस्.एस्.ए.आई. एवं एफ.डी.ए. जैसी संस्थाएं होते हुए भी जमियत-उलेमा-ए-हिन्द, हलाल काऊन्सिल ऑफ इंडिया जैसी निजी संस्थाएं खाद्यपदार्थ और सौंदर्यप्रसाधन सामग्री आदि उत्पादों को हलाल प्रमाणित करने हेतु उत्पादकों से २१ सहस्र ५०० रुपए का शुल्क वसूल रही हैं और इस माध्यम से समानांतर अर्थव्यवस्था खडी कर आर्थिक जिहाद चलाया जा रहा है ।
क्षणिका : उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने प्रत्येक मास के पहले शनिवार को मासिक बैठक करने का निश्चय किया ।