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मंदिर सरकारीकरण रद्द किया जाना चाहिए ! – अधिवक्‍ता नीलेश सांगोलकर, हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद

पाटलीपुत्र (बिहार) : मंदिर सरकारीकरण के नामपर मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर, शिणडी का श्री साईबाबा मंदिर आदि मंदिरें में भक्‍तों द्वारा अर्पित धन का दुरूपयोग किया गया है । अतः सरकारीकरण किए गए सभी मंदिरों का नियंत्रण भक्‍तों को सौंपा जाना चाहिए । मंदिरों का सरकारीकरण रद्द हो; इसके लिए हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद प्रयासरत है । हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्‍ता नीलेश सांगोलकर ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री. रमेश चौबे के घर में मार्च के पहले सप्‍ताह में आयोजित की गई अधिवक्ताओं की बैठक में वे ऐसा बोल रहे थे । इस बैठक में अधिवक्‍ता सांगोलकर ने हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापना के कार्य में अधिवक्‍ता किस प्रकार अपना योगदान दे सकते हैं, इस संदर्भ में मार्गदर्शन किया ।

उन्‍होंने आगे कहा कि रोहिंग्‍या मुसलमानों को भारतीय नागरिकता मिले; इसके लिए मुंबई के आजाद प्रांगण में निकाली गई फेरी में हिंसा की गई । हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद ने इस हानिभरपाई हेतु न्‍यायालयीन संघर्ष कर रजा अकादमी को सरकार को ४ करोड रुपए हानिभरपाई का भुगतान करने के लिए बाध्‍य किया ।

इस अवसरपर हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद के सफल कार्य की ध्‍वनिचित्रचक्रिका दिखाई गई ।

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