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सुप्रीम कोर्टके आदेशकी वजहसे रामनवमीके दिन अयोध्यामें रामजन्मभूमिपर पूजा करनेकी पाबंदी !

चैत्र शुक्ल १० , कलियुग वर्ष ५११५


सुप्रीम कोर्टके हिंदुओंके विरुद्ध दिए गए आदेशका दृढ़ता से पालन करनेवाले पुलिस मुसलमानोंके मस्जिदपर लगाए गए ध्वनिक्षेपक पर कार्यवाही करनेसे घबराते है !

अयोध्या – उन्नीस साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए एक आदेश की वजह से अयोध्या के विवादित स्थल पर इसबार रामनवमी के दिन पूजा अर्चना नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिला प्रशासन ने विवादित स्थल पर इसबार किसी धार्मिक गतिविधि की इजाजत नहीं दी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोर्ट द्वारा नियुक्त पुजारी अचार्य सत्येंद्र दास को ही सरकार द्वारा अधिग्रहित ६७ एकड़ भूमि में किसी धार्मिक गतिविधि करने की इजाजत है। हालांकि पिछले १९ वर्षो से रामजन्मभूमि सेवा समिति से जुड़े स्थानीय लोग विवादित स्थल पर रामनवमी के दिन प्रार्थना करते रहे हैं।

२९ जनवरी २०१३ को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में विवादित स्थल से लगते ६७  एकड़ भूमि में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हुए वहां किसी तरह के धार्मिक गतिविधि से बचने को कहा था।

इस हफ्ते के शुरू में फैजाबाद के डीएम विपिन कुमार द्विवेदी ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी की धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वहां यथास्थिति बनाए रखेंगे।

इस साल बाबरी मस्जिद केस के सबसे पुराने वादी हाशिम अंसारी ने विवादित स्थल पर प्रार्थना का कड़ा विरोध किया था। इसी मामले में एक और याचिकाकर्ता खालिक अहमद खान ने कहा कि हम १९ साल से हो रहे कोर्ट आदेश के उल्लंघन का विरोध कर रहे थे। इस बार हमने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त आब्जर्वर का दरवाजा खटखटाया था।

स्त्रोत : जागरण क़ोम

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