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सबरीमाला सहित कई मंदिरों के सोने-चाँदी डिपॉजिट किए जाएँगे : CPI व CPM के कब्जे वाले बोर्ड का फ़ैसला

त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड कई मंदिरों का सञ्चालन एवं प्रबंधन करता है। इसमें सबरीमाला मंदिर भी शामिल है। अब उसने निर्णय लिया है कि इन सभी मंदिरों के पास उलब्ध सोने और चाँदी की खेप को ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ में डिपॉजिट कर दिया जाएगा। इसके अंतर्गत पहले फेज में 24 किलो सोना-चाँदी डिपॉजिट किया जाएगा। इसके तहत बोर्ड को कुल जमा की गई चीजों पर 2% के ब्याज दर से फायदा मिलेगा। बोर्ड ने कहा है कि उतनी मात्रा में सोने-चाँदी मंदिर में ही रहेंगे, जितने की आवश्यकता प्रतिदिन के पूजा-पाठ और रीती-रिवाजों में होती है।

बोर्ड अब इस बात का पता लगाने में जुटा है कि उसके पास सोने-चाँदी की कुल कितनी मात्रा है और आज की तारीख में उसका मूल्य कितना होगा। इन सभी सोने-चाँदी की चीजों को तीन भाग में विभाजित किया जाएगा, पहला वो जो स्ट्रांग रूम में रखे गए हैं, दूसरे वो जो देवी-देवताओं को पहनाए जाते हैं व जिनकी ख़ास रीती-रिवाजों में ज़रुरत नहीं पड़ती और तीसरे वो जिनका ऐतिहासिक महत्व है। हालाँकि, ये फ़रवरी की ही ख़बर है लेकिन इसके लिए प्रक्रिया अब शुरू की गई है।

कहा जा रहा है कि इनमें अधिकतर गहने ऐसे हैं, जो मंदिरों को दानस्वरूप मिले हैं। इनका दैनिक क्रियाओं में उपयोग नहीं किया जाता। इन सारे गहनों को सोने में बदल दिया जाएगा और इसे सोने के बार में बदल कर रिजर्व बैंक में डिपॉजिट किया जाएगा। ये सब बोर्ड के अधिकारियों की मौजूदगी में किया जाएगा। दिक्कत ये है कि इससे भक्तों की भावनाएँ आहत होंगी क्योंकि उनके द्वारा दान की गई चीजों के बदले में सोना लेकर उसे रिजर्व बैंक में डाल दिया जाएगा और श्रद्धालुओं को पता ही नहीं चलेगा कि उन्होंने जो चीजें दान दी हैं, वो कहाँ हैं और किस हालत में हैं। वो मंदिर की संपत्ति तो रह ही नहीं जाएगी।

ठीक इसी तरह गुरुवायुर बोर्ड ने भी निर्णय लिया था। हालाँकि, बोर्ड बार-बार भक्तों को विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहा है कि दैनिक पूजा-पाठ और रीती-रिवाजों में उपयोग में आने वाले सोने को डिपॉजिट नहीं किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु ने कहा है कि ये सारी चीजें रिजर्व बैंक में सुरक्षित रहेंगी। इस पर मिलने वाले ब्याज का क्या किया जाएगा, इस पर भी अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि वासु सीपीआई के नॉमिनी हैं और बोर्ड सदस्य को सीपीएम ने नामित किया था।

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