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30 अप्रैल को राम मंदिर का भूमि-पूजन नहीं : लॉकडाऊन के कारण लिया गया फ़ैसला

अयोध्या में राम मंदिर के लिए प्रस्तावित भूमि-पूजन कार्यक्रम को फिलहाल टाल दिया गया है। भूमि-पूजन 30 अप्रैल को होने की उम्मीद थी। अब इसके लिए नई तारीख का ऐलान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जल्द ही करेगा।

कोविड-19 से उपजे खतरों को देखते हुए ऐसा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के बाद 3 मई तक कोई भी धार्मिक आयोजन या जुटान नहीं हो सकता। जल्द ही नई तारीख का ऐलान होगा।

संत समुदाय ने कहा कि जब तक माहौल सामान्य नहीं हो जाता, तब तक भूमि-पूजन नहीं किया जाएगा। पिछली बार हुई सभी बैठकों और चर्चाओं में 30 अप्रैल की तारीख पर ही सहमति बनी थी। हालाँकि, आधिकारिक रूप से कुछ भी फाइनल नहीं किया गया था।

अब लॉकडाउन और कोरोना के खतरों के कारण इस तारीख पर भूमि-पूजन नहीं किया जाएगा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की तैयारियाँ चालू हैं। इसके लिए गठित ट्रस्ट संत समुदाय के साथ मिल कर सारे कामकाज देख रहा है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कोरोना वायरस से संक्रमण से उपजी आपदा के बीच पीएम केयर्स फंड में भी दान दिया था। विहिप ने कहा था कि ये दान राम मंदिर की तरफ से देश को दिया गया है।

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा है कि अभी राम मंदिर बनने में कितने रुपए लगेंगे इसका कोई अंदाज़ा नहीं है, लेकिन मंदिर ने निर्माण से पहले ही देश के लिए दान देकर सनातन का महत्व दिखाया है।

ट्रस्ट ने हल ही में अपना लोगो भी जारी किया था। प्रतीक चिह्न की ऊपरी परिधि में ट्रस्ट का नाम लिखा है, जबकि नीचे ‘रामो विग्रहवान धर्म:’ अंकित किया गया है। इसके अर्थ है- भगवान श्रीराम धर्म के साक्षात् साकार रूप हैं। इस तस्वीर में भगवान अभयदान की मुद्रा में दिख रहे हैं।

लोगो में लाल और पीले रंग के अलावा भगवा रंग का भी प्रयोग किया गया है। किसी भी तरह के पत्राचार या अन्य ज़रूरी चीजों के लिए ट्रस्ट अब इसी लोगो का प्रयोग करेगा। आधिकारिक कार्यों में इस लोगो का प्रयोग किया जाएगा।

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