पाकिस्तान में दो हिंदू नाबालिग लड़कियों को अगवा कर लिया गया है। घटना सिंध प्रांत की है। इलाके के प्रभावशाली नेता और पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य पीर फैसल शाह जीलानी के भाई पर दोनों बहनों को अगवा करने का आरोप है।
पीड़ित परिवार के मुताबिक उन्हें पुलिस से कोई मदद नहीं मिल रही। अगवा करने वाले धमकियॉं दे रहे हैं। परिजनों ने एक वीडियो जारी कर दोनों बच्चियों का पता लगाने की माँग की है।
पड़ोसी मुल्क में कोरोना संकट के दिनों में भी अल्पसंख्यक पर जुल्म-ज्यादती का दौर जारी है। इससे पहले हिंदुओं और ईसाइयों को राशन नहीं दिए जाने का मामला सामने आया था।
Two more #Hindu girl has allegedly been abducted in from Tharhi Mirwaha , in #Sindh province of Pakistan . In a video message the member of the Hindu community alleged that brother of local MP Pir Fasil shah Jeelani threaten them too. They appeal to @imrankhan for help. 1/2 pic.twitter.com/VFuOxca5hM
— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ راویندرسنگھ روبن (@rsrobin1) April 24, 2020
2/2. #HinduGirlsAbduction ; The families of allegedly abducted Hindu girls, also leveled allegation on #Sindh Police that they are not helping the victims. The member of Hindu community also says that Minorities in Pakistan are facing prosecution. @ImranKhanPTI pic.twitter.com/tmBjpNrCYM
— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ راویندرسنگھ روبن (@rsrobin1) April 24, 2020
सिंध छोड़कर जाना चाहता है पीड़ित परिवार
घटना के संबंध में पीड़ित परिवार के परिजनों ने एक वीडियो जारी किया है। परिजनों ने इस घटना के पीछे सांसद जिलानी के भाई का हाथ बताया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि शिकायत करने के बाद पुलिस से सहायता मिलना तो दूर उल्टे परिवार को धमकियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब वे इस यातना को और बर्दाश्त नहीं कर सकते। वे सिंध छोड़कर जाना चाहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस भी अपराधी का साथ दे रही है। उनका कहना है कि राजनेताओं के दबाव की वजह से पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। परिवार के एक सदस्य ने कहा, “पुलिस हमारे साथ सहयोग नहीं कर रही है। वे हमें अदालत में ले गए लेकिन पीड़ित को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया। पुलिस भी दोषियों का पक्ष ले रही है।”
हिंदुओं के धर्मांतरण और निकाह के लिए बदनाम है पाकिस्तान का सिंध
पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें इस बात का डर है कि अगर पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की तो दोनों अगवा बहनों का जबरन धर्मांतरण कर निकाह करवा दिया जाएगा। सिंध प्रांत में पहले भी ऐसी घटनाएँ होती रही हैं। वहाँ की विधानसभा में ऐसी घटनाएँ रोकने के लिए कानून बनाने की माँग भी उठ चुकी है।
कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी पाकिस्तान से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने को कहा है। पाकिस्तान में कट्टरपंथी सांसदों के दबाव के कारण नेशनल असेंबली में इस बाबत कोई कड़ा कानूनी प्रावधान नहीं हो पा रहा है। सिंध प्रांत जबरन धर्मांतरण और निकाह के लिए बदनाम है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाइयों के साथ उत्पीड़न की घटनाएँ कोई नई नहीं है। वहाँ समय-समय पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता रहा है और पुलिस में शिकायत के बावजूद ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की जाती। मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी एंड पीस ने भी इस मुद्दे को उठाया है। संगठन का कहना है कि हर साल पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई परिवारों के एक लड़कियों को निशाना बनाया जाता है और जबरन उनकी शादी मुस्लिम युवकों से करा दी जाती है। सरकार की ओर से ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते।
गौरतलब है कि 13 मार्च को बहावलपुर के मुनीर अहमद ने 15 वर्षीय नाबालिग हिन्दू लड़की को अगवा कर लिया। इसके बाद फैसलाबाद ले जाकर मुनीर ने उसके साथ बलात्कार किया। घटना के बाद मौलवियों ने उस बच्ची को जबरन इस्लाम कबूल कराकर उसकी शादी बलात्कारी मुनीर अहमद के साथ निकाह करवा दिया।
वहीं 15 जनवरी को सिंध प्रांत के जैकोबाबाद जिले से कक्षा 9 में पढ़ने वाली 15 वर्षीय महक को अली रजा ने अगवा कर लिया था। उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और फिर एक मुस्लिम से निकाह करवा दिया गया। इस मामले में पुलिस ने भी लड़की की कोई मदद नहीं की।