Menu Close

मुसलमान को हुई भगवा झंडे से आपत्ति, ट्वीट किया, पुलिस आई हरकत में : हैदराबाद की घटना

हैदराबाद में सब्जी की दुकान पर भगवा झंडा देख एक मुस्लिम ने आपत्ति जताई है। इसको लेकर ट्वीट करते हुए उसने साइबारबाद पुलिस को टैग किया है। उसने पुलिस से कार्रवाई की मॉंग की। इसके बाद पुलिस भी हरकत में आ गई

आजम नवाज ने ट्वीट कर कहा हैदराबाद के अत्तरपुर में कुछ संघी सब्जी विक्रेताओं ने अपनी रेहड़ियों पर भगवा झंडा लगाना शुरू किया है। हम गंगा-जमुनी तहजीब में भरोसा करते हैं, जो लोग भेदभाव करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और लोगों से अनुरोध है कि इनका बहिष्कार करें।

आपकों बता दें कि इससे पहले झारखंड के जमशेदपुर के कदमा में 6 फल विक्रेताओं पर सिर्फ़ इसलिए करवाई की गई, क्योंकि उन्होंने अपनी दुकानों पर ‘विश्व हिन्दू परिषद्’ और ‘हिंदू फल दुकान’ लिखा पोस्टर लगा रखा था। हालॉंकि पीड़ित दुकानदारों से मुलाकात कर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

विहिप के प्रवक्ता ने भी एक के बाद एक ट्वीट कर इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने पूछा कि क्या भारत मे हिंदू होना अपराध है? या विहिप बजरंग दल व भगवा से जुड़ना अपराध है? उनका सवाल था कि क्या जिन मीट की दुकानों, बूचड़खानों या पैकेटों पर हलाल शब्द लिखे होंगे, उन सभी साम्प्रदायिक व धार्मिक विद्वेष फैलाने वाली शब्दावली को भी ये सरकारें बंद करेंगीं? यह बड़ा मामला है क्योंकि सिर्फ़ बैनर नहीं हटाया गया है। भगवान श्रीराम व भगवान शिव की तस्वीर भी हटाई गई है।

वहीं, बिहार के नालंदा में फल, सब्जी और किराने की दुकान पर भगवा झंडा लगाने को लेकर पुलिस ने कार्रवाई की है। यहाँ पर बजरंग दल के दो सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्थानीय हिंदुओं से आग्रह किया था कि वे अपनी जरूरत की वस्तुएँ जैसे फल, सब्जी, राशन इत्यादि हिंदुओं की दुकान से ही खरीदें।

बजरंग दल नालंदा के सदस्य कुन्दन कुमार और धीरज कुमार के साथ ही 5 अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। इन पर आईपीसी की धारा 147, 149, 188, 153 (A) और 295 (A) के तहत कार्रवाई की गई है।

जब इस बाबत ऑपइंडिया ने लहेरी पुलिस स्टेशन के SHO रंजीत राय से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने मीडिया को कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, “आप जाकर गूगल पर सर्च कीजिए। हम आपसे फोन पर बात नहीं करेंगे।” दरअसल हमने ये जानने की कोशिश की थी कि 295 (A) क्यों लगाया गया है? 295 (A) की धारा तभी लगाई जाती है, जब किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाई जाती है। मगर यहाँ पर तो किसी की भी धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुँचाया गया था और ना ही अपमान किया गया था।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *