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कानपुर में पुलिस और मेडिकल टीम पर पथराव : रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत कारवाई

कानपुर में कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट चमनगंज में पुलिस और मेडिकल टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला किया। टीम एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिवार को क्वारंटाइन कराने के लिए उनके घर लेने पहुॅंची थी। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग व संक्रमित मरीज के परिवार को किसी तरह हॉटस्पॉट से बाहर निकाला।

इसके बाद पथराव कर रहे लोगों को खदेड़कर स्थिति पर काबू पाया। तनाव को देखते हुए पीएसी ने फ्लैग मार्च किया है। पथराव करने वालों को चिह्नित कर पुलिस उनकी गिरफ्तारी में जुट गई है।

कानपुर में अब तक 200 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। यहाँ चमनगंज थाना क्षेत्र हॉटस्पॉट एरिया घोषित है। बुधवार को गुलाब घोषी मस्जिद के पास स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम एक कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन कराने के लिए लेने के लिए गई थी। स्वास्थ्य टीम संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को साथ लेकर चलने लगी तभी काफी सारे लोग घरों से बाहर निकल आए।

सभी परिवार के सदस्यों को ले जाने का विरोध करने लगे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने किसी तरह से स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके से निकाल दिया। इसके बाद कई थानों के फोर्स को बुलाकर पत्थरबाजों को खदेड़ दिया। घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने कहा, “एक शख्स कोरोना पॉजिटिव निकला था, जिसको हम लोग पहले ही क्वारंटाइन करा चुके हैं। उसके परिवार वालों को चिन्हित किया गया था। बुधवार को स्थानीय पुलिस और मेडिकल टीम मौके पहुँची तभी आस-पड़ोस के लोग 50 से 60 की संख्या में आए और पत्थरबाजी करने लगे। इसमें कुछ लोगों को चिह्नित कर लिया गया है। उनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जा रही है। किसी को किसी प्रकार की चोट नहीं आई है।”

मुख्यमंत्री ने कहा- हमला करने वालों पर लगाया जाए रासुका

इस घटना पर तुरंत सज्ञान लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों की जल्द पहचान की जाए। ऐसे लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी सख्त कार्रवाई की जाए। कोरोना योद्धाओं पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएँगे।

पुलिस पर पथराव की यह पहली घटना नहीं है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। मंगलवार (अप्रैल 28, 2020) को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में लॉकडाउन का पालन करवाने गई पुलिस के ऊपर हमला किया गया था। आक्रामक भीड़ को काबू करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाना पड़ा था। सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मस्जिद में नमाज पढ़ने को रोकने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव किया। इस घटना में 1 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले में पुलिस ने अब तक 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पर पथराव करने वाली भीड़ में महिलाएँ भी शामिल थीं।

इससे पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर लॉकडाउन का उल्लंघन कर सामूहिक रूप से नमाज अदा की गई। बहराइच, शाहजहाँपुर में नमाजियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। फिरोजाबाद में घंटों मजहबी नारे लगाए। इसके बाद एम्बुलेंस को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की गई। इसी तरह दिहवाकला स्थित मस्जिद में नमाजियों ने सिपाहियों पर हमला बोल दिया

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