राजस्व (रेवेन्यू) वृद्धि के लिए सरकार जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड न करें !
एक ओर कोरोना विषाणु के प्रादुर्भाव से जनता के प्राण संकट में न पड जाएं, इसलिए सरकार ने आर्थिक हानि सहन करते हुए ‘लॉकडाउन’ का साहसी और प्रशंसनीय निर्णय लिया; परंतु दूसरी ओर केवल राजस्व (रेवेन्यू) वृद्धि के लिए मद्य की दुुकानें खोलने का निर्णय लिया ! इससे देश में कोरोना का प्रादुर्भाव बढेगा जिससे जनता संकट में पडेगी । इसके अतिरिक्त मद्य के कारण होनेवाले महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों पर होनेवाले गलत संस्कार और उद्ध्वस्त होनेवाले लाखों संसार, यह इस निर्णय का फलित न हो; इसलिए समाज के सर्वांगीण हित के लिए और कोरोना का बढता प्रभाव रोकने के लिए मद्य की दुकानें खोलने का निर्णय केंद्र और राज्य सरकार यथाशीघ्र निरस्त करे । ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।
मद्य की दुकानें खोलने की अनुमति मिलने से आज अनेक स्थानों पर लंबी-लंबी कतारें दिखाई दीं । देश में कोरोना का प्रभाव और उससे होनेवाली मृत्यु दर में वृद्धि होने पर भी मद्य की दुकानों के बाहर की स्थिति अत्यंत भयावह है । सरकार के बनाए नियम अर्थात ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का पालन, मास्क लगाना, धारा 144 के अनुसार चार लोंगों को एकत्र न आना, घर में ही रहना आदि सर्व नियम पैरों तले रौंदे जा रहे हैं । बिना मद्यपान किए जब यह स्थिति है, तब मद्यपान कर धुंद होने के पश्चात क्या स्थिति होगी, इसकी कल्पना करना भी भयानक है ! मद्य कोई जीवनावश्यक बातों में से नहीं है । इस निर्णय के कारण देश में कोरोना का प्रादुर्भाव बढने की संभावना प्रबल है । इसलिए मद्यपान को प्रोत्साहन अर्थात एकप्रकार से ‘कोरोना’के प्रादुर्भाव को और देश में अपराधों की वृद्धि को प्रोत्साहन देने समान होगा ।
देश में होनेवाले अपराधों में मद्यपान से होनेवाले अपराधों की गिनती अधिक है । इससे महिलाओं पर अत्याचार होने की घटनाओं में भी वृद्धि के आंकडे अनेक बार प्रकाशित होते हैं । हत्या, मारपीट-झगडे, आत्महत्या, कौटुंबिक हिंसा इत्यादि अनेक बातों के पीछे मद्यपान, यह एक मुख्य कारण है । मिलावटी मद्य से होनेवाली मृत्यु भी एक गंभीर समस्या है । इसलिए समाजहित में, देश के हित में मद्य की दुकानें खोलने की अनुमति देनेवाला निर्णय केंद्र और सभी राज्य सरकारें यथाशीघ्र निरस्त करें, यह आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति करती है ।