मंदिर सरकारीकरण का दुष्परिणाम !
- रीलीफ फंड के लिए हर बार केवल मंदिर का ही पैसा क्यों ? मस्जिद या चर्च का क्यों नहीं ?
- भगवान को न माननेवाले वामपंथियों को पैसा मात्र हिन्दुओं के मंदिरों से चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
एलडीएफ सरकार ने बाढ राहत कोष के दुरुपयोग करने के बाद अब गुरुवायूर देवस्वाेम द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड रुपये के योगदान के बाद इसका जमकर विरोध हो रहा है ।
गुरुवयूर देवस्वम के अध्यक्ष केबी मोहनदास ने यहां जिला कलेक्टर एस. शानावस को निधि सौंपते हुए कहा कि, निधि में योगदान देवस्वोम की सामाजिक जिम्मेदारी का एक हिस्सा था और इसके बारे में कुछ भी गैरकानूनी नहीं था। उन्होंने कहा, “गुरुवायुर देवस्वोम ने बाढ के समय सीएमडीआरएफ कोष में भी दान किया था और देवस्वाेम आयुक्त की अनुमति प्राप्त करने के बाद यह दिया गया था।” देवस्वोम ने बैंकों से सावधि जमा (एफडी) से प्राप्त ब्याज राशि का उपयोग किया।
लाॅकडाउन से सबरीमाला सहित केरल के मंदिरों का उत्पन्न बुरी तरह से प्रभावित
देश में कोरोना संक्रमण के चलते किए गए लॉकडाउन से राज्यों की अर्थव्यवस्था ही बुरी तरह से प्रभावित नहीं हुई है। देश के कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की कमाई का भी इस लॉकडाउन की वजह से सीधा असर पड़ा है। केरल के मंदिरों में भी राजस्व में बड़ी गिरावट दिखाई दी है। त्रावणकोर देवासोम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष एन वासु का कहना है कि मंदिरों की स्थिति फिलहाल बहुत खराब है। मंदिरों में भक्तों के न आने से दान राशि आना लगभग बंद हो गई है, ऐसे में वासु ने मंदिर स्टॉफ की सैलरी को लेकर भी चिंता जताई है। TDB के पास राज्य के दक्षिणी जिलों के 1,248 मंदिर हैं, इसमें प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर भी शामिल है। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के पहले ही 21 मार्च से इन सभी मंदिरों को श्रध्दालुओं के लिए बंद कर दिया गया था।
बोर्ड के पास हैं 5 हजार कर्मचारी
त्रावणकोर देवासोम बोर्ड के पास फिलहाल 5 हजार कर्मचारी हैं, इसके अलावा 4 हजार पेंशनर्स भी हैं। इन सभी को बोर्ड द्वारा अप्रैल महीने की सैलरी और पेंशन जैसे तैसे दे दी गई है, लेकिन अब हालात बिगड़ रहे हैं। बोर्ड अध्यक्ष वासु ने कहा कि आने वाले महीनों में चीजें और मुश्किल हो जाएंगी। खर्चे जस के तस हैं वहीं मंदिर को होने वाली कमाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ‘हमें पूजा विधि के लिए 10 करोड़ रुपए की जरुरत है भले ही मंदिर श्रध्दालुओं के लिए बंद किए गए हों।’
सबरीमाला मंदिर से मिलता है बडा अर्पण निधी
बोर्ड को सबसे ज्यादा कमाई प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर से होती है। यह मंदिर महीने में कुछ ही दिन के लिए खुलता है। इस बार लॉकडाउन के चलते विशु त्यौहार कैंसिल हो गया है। इस त्यौहार में भगवान अयप्पा के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रध्दालु शामिल होते हैं। त्यौहार कैंसिल होने से TDB को लगभग 40 करोड़ का नुकसान हुआ है।
राज्य बजट में TDB के लिए 100 करोड़
राज्य सरकार के बजट में टीडीबी के लिए 100 करोड़ अलग से रखे गए हैं। इसमें से बोर्ड को पहले ही 30 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। वहीं बोर्ड बाकी बची राशि के साथ ही सरकार से 100 करोड़ अतिरिक्त मिलने की उम्मीद भी कर रहा है।
स्त्रोत : नइ दुनिया