अरब देशों की तरह अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हिंदू छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। कुछ कट्टरपंथी हिंदू छात्रों के सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इतना ही नहीं ऐसे छात्रों को अंदरखाने एएमयू से निष्कासित कराने की योजना बनाई जा रही है। अब जिला प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।
After Gulf , radicals cultivating #Hinduphobia_In_AMU
Threats to research scholar nikhil maheshwari , medico Dr. Arjun and a female associate professor from computer science #AMU .
Urgent intervention required @HRDMinistry @shriniwas_hr @DrRPNishank @satishgautam72 @ABVPVoice pic.twitter.com/7BdSW5xb3T— Dr. Nishit Sharma (@Nishitss) May 7, 2020
पीड़ित शोध छात्र निखिल माहेश्वरी ने ऑपइंडिया को बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर 4 मई को एक व्यंगात्मक पोस्ट की थी। इसके बाद से ही कट्टरपंथी छात्रों ने उनको और उनके परिवार को निशाने पर ले लिया। उनके स्क्रीनशॉट लेकर सोशल मीडिया पर गाली-गलौच की और उनको तथा उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
सऊदी अरब में रहने वाले एएमयू के पूर्व छात्र आरिफ बॉबी ने तो धमकी भरे अंदाज में मैसेंजर पर एक संदेश भेज यहाँ तक कह दिया, “अबे कुछ तो यूनिवर्सिटी से सीखा होता या आरएसएस मानसिकता इतनी हावी हो गई है कि सब भूल गया। लॉकडाउन के बाद यूनिवर्सिटी आओ…।” इसके बाद एएमयू पीएचडी स्कॉलर निखिल माहेश्वरी ने सिविल थाने में मामला दर्ज कराया है साथ ही प्रशासन से मामले में कार्रवाई करने की माँग की है।
एएमयू में असिस्टेंट प्रोपेसर के पद पर तैनात एक हिंदू को भी कट्टरपंथी छात्रों नें निशाना बनाया। इसके बाद वह इतना डर गईं कि उन्हें दवाब में आकर यह कहना पड़ा कि मेरा एकाउंट हैक हो गया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपना स्टेटमेंट देने से भी इनकार कर दिया और कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हुईं। इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि एएमयू में हिंदू छात्रों को किस तरह से मानसिक प्रताड़ना दी जाती है।
आरोप है कि जिन छात्रों के खिलाफ सीएए, एनआरसी का विरोध करने पर जिला प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई की थी, वहीं छात्र अब बदले की भावना से हिंदू छात्रों को निशाना बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों और वामपंथियों की असलियत सामने लाने वाले लोग निशाने पर हैं। कट्टरपंथी ऐसे छात्रों को एएमयू से निष्कासित कराने पर तुले हुए हैं।
एएमयू के पूर्व छात्र निशित शर्मा ने ऑप इंडिया को बताया, “पहले भी एएमयू में हिंदू छात्रों को निशाना बनाया जाता रहा है। उनको प्रताड़ित किया जाता है। उससे आगे बढ़कर अब हिंदू छात्रों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। यह सब उन लोगों के इशारों पर किया जा रहा है, जिन लोगों ने सीएए, एनआरसी के नाम पर एएमयू के साथ अलीगढ़ में हिंसा फैलाई थी। इन लोगों के तार दिल्ली से भी जुड़े हुए हैं।”
उन्होंने बताया, “कुछ दिनों पहले इन लोगों ने अरब देशों में हिंदूफोबिया फैलाने का प्रयास किया। अब इसी काम को एएमयू के अंदर किया जा रहा है। इस मामले को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने रखा जाएगा। हम चाहते हैं इसकी एक उच्च स्तरीय जाँच हो, जिससे कि इस तरह का कृत्य करने वालों के चेहरे उजागर हो सकें।” शर्मा ने बताया कि ये मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में है और पीड़ित छात्र निखिल माहेश्वरी द्वारा आरोपितों के खिलाफ संबंधित थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है।
इस मामले को लेकर एएमयू के पूर्व छात्र राजेश्वर सिंह ने भी सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयाँ करते हुए कहा है कि मैंने अपने जीवन के दस साल इसी विश्वविद्यालय में गुजारे हैं। इस दौरान हमने सभी के विचारों को सुना, लेकिन जब हमने अपने विचार व्यक्ति किए तो हमें गद्दार, नमक हराम और एहसानफरामोश बताया गया। आज हमारे साथियों को अपने विचार व्यक्त करने पर निशाने पर लिया जा रहा है।
@HRDMinistry @CMOfficeUP संज्ञान लेकर शीघ्र कार्यवाई करने कृपा करें, जिससे #AMU के अंदर छात्र भयमुक्त वातावरण में शिक्षा ग्रहण करने का कार्य कर सकें?? pic.twitter.com/PzBhEDra7c
— Rajeshwar Singh (@rajmalan) May 8, 2020
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले अरब देशों में काम कर रहे हिंदुओं को निशाना बनाते हुए AMU के पूर्व छात्रों ने उनके ख़िलाफ़ अपनी कुँठा व्यक्त करने के लिए अपनी टाइमलाइन पर उन्हें संघी करार दिया था और ये भी कह रखा है कि अरब में अभी सिर्फ़ चार लोग एक्टिव हुए हैं और संघी बाप सावरकर की तरह माफी वीडियो डाल रहे हैं। इसे लेकर भी निशित शर्मा ने जिला प्रशासन को लिखित में शिकायत देकर मामले से अवगत कराया था और ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की भी माँग की थी।