चैत्र शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५
एरंडोल (जनपद जलगांव) – पांडवनगरी उत्सव समितिद्वारा श्रीरामनवमीके उपलक्ष्यमें पालकी शोभायात्राका आयोजन किया गया था । श्री. प्रसाद दंडवतेके साथ यहांके स्थानीय श्रीरामभक्त शोभायात्रा हेतु अनुमति लेनेके लिए पुलिस एवं जनपदाधिकारीके पास गए । उन्होंने लिखित रूपमें अनुमति देना अस्वीकार किया । सभी रामभक्तोंद्वारा गांवमें फ़्लेक्ष ,फलक, होर्डिंग लगाए गए थे । संपूर्ण कार्यक्रमकी सिद्धता हो गई थीr; परंतु पुलिस एवं जनपदधिकारीद्वारा अनुमति न मिलनेके कारण कार्यक्रम निरस्त करना पडा । (हिंदुओ, आपको आपके ही देशमें धार्मिक शोभायात्राएं निकालनेपर प्रतिबंध लगाया जाता है । इससे यह ध्यानमें रखें कि इस देशमें आपका क्या महत्व / मोल है एवं आपके धार्मिक कार्यक्रम आनंदसे मनाने हेतु हिंदू राष्ट्र स्थापित करनेकी शपथ लें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) यहांके सर्व राजनीतिक पक्ष, पत्रकार, प्रतिष्ठित व्यक्ति एवं हिंदूनिष्ठ संगठनोंका प्रतिनिधिमंडल पुलिस उपअधीक्षक अनिता पाटिल एवं पुलिस निरीक्षक योगलेके पास शोभायात्राके लिए अनुमति लेने गए थे । इस अवसरपर प्रतिनिधिमंडलके सदस्योंने कहा कि इस शोभायात्राके समय कोई अनुचित घटना न होने एवं शोभायात्रा शांतिपूर्वकसंपन्न करनेका दायित्व हम लेते हैं । इसके पश्चात भी पुलि स अधिकारियोंने अनुमति नहीं दी । तदुपरांत प्रतिनिधिमंडल जनपदाधिकारीके पास जानेपर, उन्होंने हमारे हाथमें कुछ भी नहीं है, इस प्रकार टाल मटोल कर अनुमति नहीं दी । (इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेसी राजनेताओंने ही पुलिस एवं जनपदाधिकारीको हिंदुओंको शोभायात्रा निकालनेकी अनुमति न देनेके आदेश दिए होंगे । हिंदुओ, हिंदुद्वेषी कांग्रेसी राजनेताओंको आगामी चुनावमें सत्ताच्युत करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात