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83 विदेशी तबलीगी जमातियों पर कसा शिकंजा, साकेत कोर्ट में 20 चार्जशीट दाखिल, 14 और दाखिल करने की तैयारी

निजामुद्दीन मरकज केस में दिल्ली पुलिस ने विदेशी जमातियों के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार (मई 26, 2020) को साकेत कोर्ट में तबलीगी जमात के 83 विदेशी सदस्यों के खिलाफ 20 चार्जशीट दाखिल किया। यह सभी चार्जशीट विदेशी अधिनियम एक्ट के तहत दाखिल किए गए।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में 20 चार्जशीट के अलावा 14 चार्जशीट और दाखिल किए जाएँगे। इस तरह इस हफ्ते कुल 34 चार्जशीट दाखिल किए जाएँगे।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिन देशों के नागरिकों के खिलाफ भी चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई हैं उसमें सऊदी अरब, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, फिलीपींस, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, रूस, मोरक्को, फ्रांस, इजिप्ट, मलेशिया, ट्यूनीशिया और जॉर्डन के नागरिक शामिल हैं। यह सारे नागरिक निजामुद्दीन मरकज की तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए भारत आए थे।

चार्जशीट में इनके खिलाफ 5 धाराओं के तहत चार्ज किया गया है। दरअसल, जब तक कोई आरोप पत्र न हो तब तक विदेशियों को देश में नहीं रोका जा सकता। इसीलिए दिल्ली पुलिस ने उन पर और शिकंजा कस दिया है।

बताया जा रहा है कि चार्जशीट में मरकज ट्रस्ट मैनेजमेंट का नाम भी शामिल है। दिल्ली पुलिस तमाम सबूत इकट्ठा करने के बाद चार्जशीट तैयार की है। विदेशी सदस्यों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के तहत केस दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुख्य चार्जशीट तबलीगी जमात के मुखिया मौलान साद और उनके सहयोगियों के खिलाफ है। विदेशी जमातियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र में पुलिस ने उन पर वीजा नियमों के उल्लंघन समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन पर टूरिस्ट वीजा पर भारत आने और मजहबी गतिविधियों में शामिल होकर वीजा शर्तों के उल्लंघन का आरोप है। इसके अलावा उन पर धारा 144 के उल्लंघन का भी आरोप है। उनके ऊपर धारा 188 के खिलाफ भी आरोप जोड़े गए हैं। महामारी ऐक्ट की धारा 217 के खिलाफ भी आरोप जोड़े गए हैं।

इन सभी लोगों से पूछताछ की गई था और पूछताछ के दौरान इनमें से कई लोगों ने माना कि इन लोगों ने जो जानकारी सरकार को दी थी वह सही नहीं थी।

गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली पुलिस ने 700 विदेशी जमातियों के डॉक्यूमेंट सीज किए थे। सभी के पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज क्राइम ब्रांच ने सीज किया गया था, ताकि ये देश छोड़कर भाग नहीं सके।

तबलीगी जमात से जुड़े हजारों लोगों ने हाल ही में अपना कोरोना क्वारंटाइन पूरा किया है। दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वे तबलीगी जमात के 4000 सदस्यों को क्वारंटाइन सेंटरों से छोड़ दें, यानी सबको घर जाने की इजाजत मिल गई थी। इसमें भारत के अलग-अलग राज्यों के जमातियों को घर जाने की छूट थी।

उल्लेखनीय है कि तबलीगी जमात का निजामुद्दीन स्थित मरकज कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था। यहॉं हुए कार्यक्रम में भारत सहित कई देशों के जमाती शामिल हुए थे। मार्च में कई देशों के हजारों तबलीगी जमात के सदस्यों ने यहाँ आयोजित मजहबी कार्यक्रम में भाग लिया था, जिसमें कोरोना वायरस से जुड़े चेतावनियों और सावधानियों का खुलेआम उल्लंघन किया गया था।

इस मामले में जाँच में जुटी क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के बेटे को अपने कार्यालय में बुलाकर करीब 2 घंटे पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान उन्होंने साद के बेटे से 20 लोगों की जानकारी माँगी जो दिल्ली के मरकज में न केवल शामिल थे, बल्कि मरकज़ प्रबंधन टीम का हिस्सा थे।

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