रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष पद धारण करने के बाद मणिराम छावनी के पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपाल दास ने पहली बार रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन-पूजन किया। रामलला के समक्ष पहुंचकर वयोवृद्ध संत कुछ देर तक आराध्य को अपलक निहारते रहे और फिर सवाल किया कि कैसी लीला रची है। महंत श्रीदास के मार्मिकता भरे इन शब्दों वहां मौजूद सभी भक्तों को भावुक कर दिया।
करीब चालीस मिनट परिसर में व्यतीत कर महंत श्रीदास अपने सहयोगी साधुओं के साथ बाहर आए। इस मौके मीडिया से औपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। शीघ्र ही भव्य एवं दिव्य मंदिर तैयार हो जाएगा। उन्होंने सभी रामभक्तों को धैर्य धारण करने की सलाह दी। समतलीकरण में मिल रहे पुरावशेषों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह वह प्रमाण है जो रामजन्मभूमि के विरोधियों को जवाब देने में सक्षम है।
इससे पहले ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं वयोवृद्ध महंत श्रीदास को रामजन्मभूमि परिसर ले जाने के लिए प्रोटोकाल स्वरुप विहिप के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज एवं ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र मणिराम छावनी पहुंचे थे। संगठन के इन दोनों अधिकारियों की अगुवाई में ट्रस्ट अध्यक्ष को रामजन्मभूमि के मुख्य द्वार से अंदर ले जाया गया। रामलला के नये भवन के बाहर महंत श्रीदास की अगवानी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं एसपी सुरक्षा टीएन त्रिपीठी के अलावा विहिप के एक अन्य केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने की।
रामलला के दर्शन के बाद व्हील चेयर पर बैठाकर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत श्रीदास को शेषावतार मंदिर तक ले जाकर समतलीकरण कार्य का दूर से अवलोकन कराया गया। कड़ी धूप में चल रहे निर्माण कार्य को देखकर महंत श्रीदास ने प्रसन्नता व्यक्त की और ट्रस्ट महासचिव श्रीराय के समक्ष अपनी जिज्ञासाओं को व्यक्त किया। इस दौरान श्रीराय ने 11 मई से शुरु हुए कार्य का ब्योरा उन्हें सुनाया।