भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक संरक्षण परियोजना की खुदाई के दौरान 9वीं शताब्दी का शिवलिंग मिला है। इस शिवलिंग के मिलने की जानकारी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तस्वीरों के साथ दी है।
Reaffirming a civilisational connect.
Monolithic sandstone Shiv Linga of 9th c CE is latest find in ongoing conservation project. Applaud @ASIGoI team for their work at Cham Temple Complex, My Son, #Vietnam. Warmly recall my visit there in 2011. pic.twitter.com/7FHDB6NAxz
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 27, 2020
खुदाई में प्राप्त बलुआ पत्थर से निर्मित यह शिवलिंग पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे किसी तरह की हानि नहीं पहुँची है। यह शिवलिंग ASI को वियतनाम के माई-सन (मी-सान) मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान मिला है।
इस ऐतिहासिक शिवलिंग के मिलने पर ASI की प्रशंसा करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से लिखा, “9वीं शताब्दी का अखंड बलुआ पत्थर शिवलिंग वियतनाम के ‘माई सन’ मंदिर परिसर में जारी संरक्षण परियोजना की नवीनतम खोज है। एएसआई की टीम को बधाई।”
इसके साथ ही विदेश मंत्री ने खुदाई में प्राप्त शिवलिंग की तस्वीरें ट्वीट कर 2011 में इस अभयारण्य की अपनी यात्रा का भी जिक्र किया है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने इस खोज को भारत की विकास साझेदारी का एक महान सांस्कृतिक उदाहरण भी बताया है।
A great cultural example of India’s development partnership. @AmbHanoi @ITECnetwork @FMPhamBinhMinh pic.twitter.com/9kB6DZ8MbK
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 27, 2020
पूरी तरह से सुरक्षित यह शिवलिंग हिंदू मंदिरों के एक परिसर का हिस्सा है। इसका निर्माण शक्तिशाली चंपा साम्राज्य द्वारा 4 शताब्दी ईस्वी सन् और 13 वीं शताब्दी ईस्वी के बीच माई सन में किया गया था।
उल्लेखनीय है कि ‘माई सन’ एक यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर केंद्र है, जो 10 शताब्दियों में निर्मित विभिन्न हिंदू मंदिरों का घर है। यह चाम लोगों के उन्नत तकनीकी सभ्यता का एक अद्भुत उदाहरण है।