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हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों के लिए पोप क्षमा मांगें ! – फ्रान्सुआ गोतिए, फ्रेंच पत्रकार

‘इन्क्विजिशन’ के नामपर मिशनरियों द्वारा गोवा निवासियों पर किए गए अत्याचारों से संबंधित चित्रप्रदर्शनी का लोकार्पण ! 

‘इन्क्विजिशन’के नामपर ईसाई मिशनरियों ने गोवा के हिन्दुओं पर प्रचंड अत्याचार किए; परंतु भारतीयों को इस नरसंहार की जानकारी ही नहीं है । इसके विपरीत भारत में औरंगजेब, सेंट जेवियर्स जैसे अत्याचारियों का उदात्तीकरण किया जाता है । दुर्भाग्यवश भारत में सत्य इतिहास बतानेवालों को पुरातनवादी कहकर उनकी अवहेलना की जाती है । हिन्दुओं के पूर्वजों पर हुए अनन्वित अत्याचार संसार के सामने उजागर होने चाहिए । पोप को इन अत्याचारों के लिए क्षमा मांगनी  चाहिए । ऐसी मांग प्रसिद्ध फ्रेंच पत्रकार तथा शोधकर्ता श्री. फ्रान्सुआ गोतिए ने  की है । वे ‘गोवा इन्क्विजिशन’ से संबंधित  चित्रप्रदर्शनी का ‘ऑनलाईन’ लोकार्पण करने के पश्‍चात  बोल रहे थे ।

इस कार्यक्रम के आरंभ में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से इस चित्रप्रदर्शनी का ‘ऑनलाईन’ लोकार्पण किया गया । यह प्रदर्शनी www.goainquisition.info  संकेतस्थल पर उपलब्ध है । इस कार्यक्रम के लिए केंद्रीय आयुष एवं रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक ने शुभकामनाएं दीं । इस कार्यक्रम में फ्रान्सुआ गोतिए, प्रसिद्ध लेखिका शेफाली वैद्य, गोवा के इतिहास विशेषज्ञ प्रा. प्रजल साखरदांडे तथा  हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने मार्गदर्शन किया । यूट्यूब, फेसबुक एवं ट्वीटर के माध्यम से प्रसारित यह कार्यक्रम ३३ हजार ८०० लोगों ने प्रत्यक्ष देखा तथा  ७४ हजार लोगों तक यह कार्यक्रम पहुंचा ।

‘गोवा इन्क्विजिशन’ एक सामाजिक वेदना ! – शेफाली वैद्य, लेखिका

लेखिका शेफाली वैद्य बोलीं कि, पोर्तुगीजों का राज्य अंग्रेजों से भी अधिक क्रूर था  । गोवा ‘इन्क्विजिशन’का इतिहास पाठ्यपुस्तकों मे समाविष्ट किया जाना चाहिए, साथ ही इस पर आधारित एक संग्रहालय भी बनाया जाना चाहिए । अनेक बार ये मांगें की गई हैं; परंतु  अभीतक वैसा होता हुआ नहीं दिखाई देता । हमें अपना इतिहास जान लेना चाहिए, अन्यथा भविष्य में लोग कहेंगे कि ‘ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था ।’ । गोवाइन्क्विजिशन एक सामाजिक वेदना है ।

‘गोवा इन्क्विजिशन’ हिन्दुओं के इतिहास का एक काला अध्याय ! – प्रा. प्रजल साखरदांडे

गोवा के इतिहासकार प्रा. प्रजल साखरदंडे बोले कि, वर्ष १५६० से १८१२ की अवधि में ‘इन्क्विजिशन’के नाम पर हिन्दुओं पर अमानवीय  अत्याचार किए गए । बडी मात्रा में हिन्दुओं का  धर्मांतरण किया गया । कानून को न माननेवालों को जीवित जला दिया गया । ‘गोवा इन्क्विजिशन’ हिन्दुओं के इतिहास का का एक काला अध्याय है ।

गोवा स्थित ‘हात कातरो’ स्तंभ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करें ! – श्री. रमेश शिंदे 

गोवा इन्क्विजिशन के इतिहास का दुर्लभ प्रमाण ‘हात कातरो’ स्तंभ पुराने गोवा में पूर्णतः उपेक्षित है । आजकल पुरातत्व विभाग द्वारा इस इतिहास को हटा देने का षड्यंत्र चल रहा है । पुरातत्व विभाग के अनुसार ‘गोवा में इस प्रकार के स्तंभ का अस्तित्व ही नहीं है ।’ अतः ‘हात कातरो खांब’ राष्ट्रीय स्मारक के रूप में घोषित किया जाए !

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