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पाकिस्तान में 3 और नाबालिग हिंदू लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करवाकर, किया निकाह

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कराने का मामला सामने आया है। ट्विटर पर वकील और कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने इन तीन घटनाओं को ट्वीट किया है।

पहला मामला सिंध प्रांत के टंडो मोहम्मद खान जिले का है। जहाँ पर एक मुस्लिम युवक ने पहले शेवानी नाम की एक लड़की को अगवा किया और उससे जबरन इस्लाम कबूल कराया गया। जिसके बाद मुस्लिम युवक ने उस लड़की से शादी कर ली।

वहीं, दूसरा मामला भी सिंध प्रांत के टंडो मोहम्मद खान का ही है। जहाँ पर मुस्लिम युवकों ने पहले 15 वर्षीय लड़की सनतारा को हथियार के बल पर अगवा किया। और बाद में मौलवियों ने उस नाबालिग लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर उस लड़की का निकाह एक मुस्लिम युवक से करा दी।

इसके अलावा तीसरा मामला सिंध के मीरपुरखास का है। जहाँ पर हथियार के बल पर मुस्लिम युवकों ने पहले एक हिंदू लड़की को अगवा कर उसका जबरन धर्म-परिवर्तन करावाया। जिसके बाद उस लड़की की निकाह एक मुस्लिम युवक से करवा दी गई।

इस लड़की की पहचान भगवंती कोहली के रूप में हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने बहुत देर के बाद भगवंती के पिता की एफआईआर दर्ज की। भगवंती के पिता ने बताया कि आरोपितों ने धमकी दी है अगर वह अपनी बेटी को वापस लेकर जायेंगे, तो वह उसकी हत्या कर देंगे। क्योंकि इस्लाम कबूल करने के बाद इस्लाम छोड़ने की सजा मौत होती है। पीड़िता के पिता का कहना है कि हथियारों से लैस लोग आकर उनकी बेटियों को उठा ले जाते हैं।

पाकिस्तान में हिंदूओं समेत सभी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। लेकिन इमरान खान सरकार के अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

अमेरिका में स्थित सिंधी फाउंडेशन के अनुसार, पंजाब के सिंध प्रांत में हर साल करीब 1 हजार हिंदू लड़कियों को अगवा करके उन्हें जबरन इस्लाम कबूल कराया जाता है। इन लड़कियों की उम्र 12 से 28 साल के बीच होती है। धर्म परिवर्तन कराने के बाद मौलवी इनका निकाह मुस्लिम युवकों से करा देते हैं।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमेशा दावा करते है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित है। लेकिन आए दिन होने वाली इन घटनाओं से पता चलता है कि वास्तविक स्थिति इसके बिल्कुल उलट है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव ,हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं और पाकिस्तान की मीडिया तक इन विषयों पर बात करना जरुरी नहीं समझती है।

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