बिहार के दरभंगा जिले में शुक्रवार (जून 5, 2020) को हुए धमाके को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। 7 जून 2020 को प्रकाशित अखबार में इस हादसे को लेकर कई तरह के चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। आरोपित मोहम्मद नजीर के घर से भागे संदिग्ध शख्स की पहचान से लेकर इसके आतंकी कनेक्शन तक की जाँच की जा रही है।
बता दें स्थानीय लोगों ने शनिवार (जून 6, 2020) को प्रदर्शन भी किया। निष्पक्ष जाँच की माँग कर रहे लोगों ने पुलिस के कामकाज पर सवाल उठाए।
जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक लोग प्रशासन से मुआवजे की माँग भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि मोहम्मद नजीर के घर हुए धमाके से पड़ोसियों का लाखों का नुकसान हुआ है। इसलिए क्षति की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि यदि सरकार मुआवजा नहीं देगी तो आंदोलन जारी रहेगा। कुछ लोगों ने आरोपित नजीर के चल और अचल संपत्ति को जब्त कर क्षति की भरपाई कराने की माँग की।
बताया जा रहा है कि अगर नजीर के घर के पिछले भाग की जगह अगले हिस्से में ब्लास्ट हुआ होता तो पूरा शहर दहल जाता। कई लोगों की जानें चली जाती। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोगों ने आरोप लगाया कि नजीर अपने घर के पिछले भाग में ही काली करतूत करता था, इसीलिए विस्फोट भी उसी तरफ हुआ।
लोगों ने आतंकी गतिविधि का आशंका जाहिर करते हुए बड़ी एजेंसी से जाँच करवाने की माँग की। लोगों का कहना है कि जिस तरह से बम विस्फोट हुआ और तीन किलोमीटर तक का इलाका दहल गया, वह कोई साधारण बम नहीं हो सकता है। किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए नजीर अपने घर में बम बना रहा था। हो सकता है कि नजीर आंतकी गतिविधि से भी जुड़ा हो। उन्होंने अंदेशा जताया कि नजीर के घर की खुदाई करने पर कई और संदिग्ध सामान बरामद हो सकते हैं।
बता दें कि लोगों के आक्रोश के बीच एफएसएल और बम डॉग स्क्वॉयड की टीम ने नजीर के घर से भारी मात्रा में बारूद बरामद किया। इसके साथ ही सुतली लपेटे दो कार्टन बम और मिट्टी के नीचे से दो बोरा बारूद युक्त पाउडर बरामद हुए। इस बोरे में बम भी थे, जिसे पानी में रख दिया गया। इसके अलावा जांच के दौरान उसके घर से सोना और चांदी के ढाई किलो जेवरात और लैपटॉप जब्त किए। फिलहाल पुलिस लैपटॉप को खँगाल रही है।
मीडिया रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है कि नजीर के घर में एक भी खिड़कियाँ नहीं थी। अंदर-बाहर जाने के लिए सिर्फ एक दरवाजा था। इसकी वजह से उसके घर के अंदर कौन आ-जा रहा है और घर के अंदर क्या हो रहा है, इसकी जानकारी किसी को भी नहीं होती थी। पड़ोसियों ने बताया कि हमेशा संदिग्ध व्यक्तियों का उसके घर आना-जाना होता था।
बताया जा रहा है कि बम ब्लास्ट के बाद एक संदिग्ध युवक को जख्मी हालत में नजीर के घर से भागते हुए देखा गया। पड़ोसियों का कहना है कि वो मुहल्ले का नहीं था। स्थानीय लोग जब वीडियो बना रहे थे तो उसका चेहरा कैद हो गया था। दैनिक जागरण के अनुसार लाल टीशर्ट, जींस पैंट पहने दाढ़ी वाला युवक नंगे पॉंव भागा था और कुछ ही पल में गायब हो गया।
पूछताछ में नजीर ने दावा किया है कि घटना के वक़्त वह और उसकी पत्नी मुजफ्फरपुर अपने रिश्तेदार के यहां गए थे। उसका बेटा गुलाब नदाफ भी घर पर नहीं था। घर पर सिर्फ तीन बच्चे थे।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर वह शख्स था कौन? और नजीर की अनुपस्थिति में उसके घर में क्या कर रहा था? पुलिस इसकी जॉंच में जुटी है। वहीं आइजी अजिताभ कुमार ने दैनिक जागरण को बताया कि यह बम कोई बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बनाया जा रहा था या फिर इसके तार किसी आतंकी संगठन से जुड़ा है, इस दिशा में पुलिस जाँच कर रही है।
दरभंगा में जहां धमाका हुआ, उस नजीर की जगह से मिले सुतली लपेटे बम, केन बम की प्लेट
बिहार के दरभंगा जिले में शुक्रवार (जून 5, 2020) को हुए धमाके को लेकर स्थिति पूरी तरह अब भी स्पष्ट नहीं है। पुलिस जिसे प्रथम दृष्टया पटाखा बनाने के दौरान हुआ विस्फोट बता रही है, उसको लेकर आज के अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट में कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट बताती है कि घटनास्थल के आसपास से सुतली लपेटे कई बम और केन बम में इस्तेमाल की जाने वाली प्लेटें भी मिली है। इसमें बताया गया है कि इसके अंदर से बारूद की गंध वाला धुआँ निकल रहा था। नगर एसपी ने बताया कि नजीर के घर से पटाखा बनाने के कई सामान मिले हैं। वह बिना लाइसेंस के दिवाली और छठ में पटाखे बेचता था।
हिन्दुस्तान ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नजीर के घर में वर्षों से अवैध रूप से पटाखे बनाने का काम चलता था। स्थानीय लोगों के हवाले से बताया है कि वर्षों से मुहल्ला बारूद की ढेर पर बैठा था। विस्फोट इतना तेज था कि लोगों को समझ में ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है? कुछ ने जलजला आने की बात कही तो कुछ ने धरती फटने की।
हिन्दुस्तान के अनुसार लोगों ने पुलिस के कामकाज पर भी सवाल उठाए। लोगों का कहना था कि अगर पुलिस सही तरीके से छानबीन करे तो शहर में कई अन्य जगहों पर अवैध रूप से पटाखे बनाने के कारोबार की बात सामने आ सकती है।
साथ ही बताया जा रहा है कि घटना में घायल नजीर के बच्चों का बयान घटना से मेल नहीं खा रहा है। बच्चे को जख्मी हालत में अस्पताल ले जाया गया तो उसने सिलिंडर फटने से जख्मी होने की बात पुलिस को बताई। वहीं बाद में इलाज के लिए पहुँचाई गई युवती ने पुलिस को बताया कि वह फ्रिज में विस्फोट होने की वजह से घायल हो गई।
फ्रिज फटने से जख्मी होने की बात दैनिक भास्कर में भी रिपोर्ट की गई है।
प्रभात खबर ने भी अपनी रिपोर्ट स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि नजीर की गतिविधि पहले से ही संदिग्ध थी।
ऑपइंडिया को भी कुछ चश्मदीदों ने बताया था कि मोहम्मद नजीर काफी समय से पटाखा बनाने का कारोबार घर में ही कर रहा था। यदि पटाखे की ही बात सही है कि तो इस बात का जवाब मिलना चाहिए कि घनी आबादी वाले इलाके में यह धंधा कैसे चल रहा था? क्या प्रशासन को इसकी खबर नहीं थी और अगर थी तो फिर उन्होंने इसे बंद करवाने की दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
दूसरा सवाल मीडिया रिपोर्टों से खड़ा होता है। वह यह है कि क्या पटाखे की आड़ में मोहम्मद नजीर घर में बम बना रहा था? फिलहाल पुलिस इस बात की जांच में जुटी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दरभंगा पुलिस इन सवालों के जवाब जल्द ही तलाश लेगी। मामले में पुलिस ने नजीर, उसकी पत्नी हसीना बेगम और दो बेटों गुलाब नदाफ एवं फूल बाबू को गिरफ्तार किया है।