मुसलमानों के विरोध के आगे झुका PUBG, ‘मूर्तिपूजा’ वाले मोड को गेम से निकाल बाहर किया

ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन PUBG ने अपने गेम से ‘मूर्तिपूजा’ वाले भाग को हटा दिया है। ‘प्लेयर्स अननोन बैटलग्राउंड (PUBG)’ के पिछले अपडेट में ‘मूर्तिपूजा’ दिखाने और इसे बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। इसके बाद कुवैत और सऊदी अरब जैसे मुल्कों में इसके खिलाफ विरोध शुरू हो गया था।

PUBG गेम के इस अपडेट पर कुवैत के मौलवियों ने हंगामा मचाया था और आरोप लगाया था कि ये मूर्तिपूजा है, इस्लाम के खिलाफ है। विरोध के बाद PUBG ने 2 एमबी का एक ताज़ा अपडेट लॉन्च किया है। ऐसे अपडेट्स तभी जारी किए जाते हैं जब किसी फीचर को हटाया या जोड़ा जाता है और प्लेयर्स किसी दिक्कत की रिपोर्टिंग करते हैं।

इस अपडेट में ‘जंगल एडवेंचर मोड’ को पूरी तरह से हटा दिया गया है। PUBG ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है। उसका कहना था कि इस मोड से कई खिलाड़ियों को दिक्कत थी।

इसके विरोधियों का कहना था कि बच्चों और युवाओं को मूर्तिपूजा जैसी चीजों से दूर रखना चाहिए, लेकिन PUBG के एक भाग में खिलाड़ियों द्वारा मूर्तिपूजा किया जाना इस्लाम के विरुद्ध है और बर्दाश्त से बाहर है। उन्होंने प्रशासन से माँग की थी कि बच्चों और युवाओं को इन चीजों से दूर रखने के लिए PUBG के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए और मूर्तिपूजा वाले भाग को हटाया जाए। बता दें कि PUBG को दक्षिण कोरियन कम्पनी ब्लूहोल इंक ने तैयार किया है।

ये एक सर्वाइवल पर आधारित युद्ध गेम है, जहाँ दर्जनों खिलाड़ियों को ऑनलाइन एक द्वीप पर छोड़ दिया जाता है और वो वहाँ एक-दूसरे के साथ लड़ते हैं। हाल ही में इसमें एक ‘मिस्टीरियस जंगल’, अर्थात रहस्यमयी जंगल वाला अपडेट लाया गया था। गेम के इसी मोड को लेकर सारा विवाद खड़ा हुआ है। कुवैत के एक प्रोफेसर ने कहा था कि किसी को प्रणाम करने या मूर्ति के सामने सिर झुकाने को लेकर इस्लाम में एक नियम है, जिसका PUBG ने उल्लंघन किया है।

प्रोफेसर बस्सम अल शट्टी ने ये भी कहा था कि इस्लाम में सबसे बड़ा पाप है कि अल्लाह के अलावा किसी और के सामने सिर झुकाया जाए। उन्होंने कहा था कि अल्लाह के सामने किसी और के सामने ये सब करना पाप है। प्रोफेसर रशीद अल एलिमनी ने कहा था कि ये गेम मुसलमानों के लिए काफ़ी खतरनाक है, क्योंकि इससे नई जनरेशन ब्रह्माण्ड की रचना करने वाले अल्लाह और इस्लाम के नियमों और तोहिंद से विमुख हो जाएगी।’

अब PUBG ने कहा है कि वो अपने खिलाड़ियों की संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों की महत्ता को समझते हुए उनका सम्मान करता है। उसने सुरक्षित और बेहतर खेल वातावरण देने की बात करते हुए इस मोड को हटाने की घोषणा की है। इस मोड के बारे में बता दें कि इसमें तीन ‘पावर स्टेचू’ होते थे, जिनके नजदीक जाने से खिलाड़ियों को नए किस्म के हथियार मिलते थे। कई मुस्लिम खिलाड़ियों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

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