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कुछ समय पहले ही असम के सब्जी विक्रेता सनातन डेका की जिहादी युवकों द्वारा हत्या के बाद दिन-दहाड़े रितुपर्णा पेगु की निर्मम हत्या से असम के लोगों में आक्रोश और भय देखा जा रहा है। रितुपर्णा पेगु (Rituparna Pegu) बारिश से बचने के लिए जिस दुकान में कुछ देर के लिए रुका था, वहां वो तीन साल तक काम कर चुका था। लेकिन शायद वहां से नौकरी छोड़ देने के कारण अरमान होम फर्निशिंग का मालिक अरमान और उसका परिवार उससे इतना नाराज था कि उन्होंने उसे दुकान में ना बैठने को कहा।
नूनमाटी इलाके में ही रहने वाले एक व्यक्ति ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया कि जब 26 वर्षीय रितुपर्णा पेगु ने कॉमर्स मार्केट इलाके में बारिश रुकने तक अरमान की दुकान पर ठहरने की बात कही तो अरमान और उसका परिवार उसके साथ गाली-गलौच करता हुआ उसे दुकान के अंदर खींच ले गया, जहां अरमान के बेटे ने उससे मारपीट शुरू कर दी।
देखते ही देखते पूरा परिवार रितुपर्णा पेगु पर झपट पड़ा और वो उसे धक्के मारकर दुकान से बाहर ले गए। इससे पहले की वो सम्भल पाता, अरमान अली के बेटे ने रितुपर्णा की पीठ पर चाकू से हमला कर दिया और वो वहीं पर गिर गया। ऑपइंडिया से बातचीत में व्यक्ति ने बताया कि इसके बाद अरमान अली ने रितुपर्णा पेगु का गला ‘हलाल’ शैली में काट दिया।
उन्होंने बताया कि हंगामे के समय वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को कॉल लगाई लेकिन पुलिस वहां से कुछ ही दूरी पर मौजूद होने के बावजूद भी अपनी सहूलियत के अनुसार फ़ौरन ना पहुँचते हुए पुलिस कुछ देर से आई, तब तक रितुपर्णा पेगु की मौत हो चुकी थी।
लोगों का कहना है कि नूनमाटी पुलिस का पिछला रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है और वो अक्सर अपराध के मामलों को दबा दिया करते हैं। पिछले कुछ अपराध की घटनाओं का जिक्र करते हुए युवक ने ऑपइंडिया को बताया कि ऐसे भी मामले सामने आए जब नूनमाटी पुलिस ने सबूतों को खुद भी गायब कर दिया और इसके बारे में स्थानीय लोग कभी भी कुछ नहीं कर पाए। लोगों के विरोध प्रदर्शन के बीच असम के मुख्यमंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने आज शनिवार को रितुपर्णा पेगु की हत्या की सीआईडी (CID) जाँच का आदेश दिया है।
वहीं, युवक ने बताया कि एक ओर जहां स्थानीय लोग रितुपर्णा पेगु की मौत पर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं अखिल असम छात्र संघ (AASU) इस घटना में बिहार के लोगों को पीड़ित बताने का काम करने का भी प्रयास कर रहा है। युवक ने बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण इस इलाके में बिहार के लोग काफी समय पहले से ही यहां बड़ी जनसंख्या में रहते हैं।
हालाँकि, जिस कॉमर्स मार्केट में रितुपर्णा की हत्या की गई उस 50-60 मीटर के इलाके में जिहादी समुदाय के लोगों की ही दुकाने मौजूद हैं और वो महज पाँच-छ सालों से यहां पर बिजनेस कर रहे हैं, बावजूद इसके, उनका इस इलाके में काफी दबदबा है।
‘हम भी इन्हीं बाजारों में जाते हैं, वे हमें उसी तरह मारेंगे’
रितुपर्णा की हत्या के बाद पुलिस स्टेशन में लोगों ने इकट्ठा होकर आरोपितों पर तुरंत कार्रवाई और कठोर सजा की माँग की है। पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है- “हम इन्हीं सड़कों पर घूमते हैं, हम इन्हीं बाजारों में जाते हैं, वे हमें भी उसी तरह मारेंगे।”
प्रदर्शनकारियों ने लगाए ‘जय श्री राम’ और ‘जोई ऐ एक्सोम’ के नारे
इन प्रदर्शनकारियों में कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने ‘जय श्री राम’ और ‘जोई ऐ एक्सोम’ (Joi Aai Axom) के नारे भी लगाए। सार्वजनिक और निजी संपत्ति को किसी भी संभावित दंगों या क्षति को रोकने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मी मौके पर मौजूद थे।
इन प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में क्रूरतापूर्वक मारे गए सनातन डेका और रितुपर्णा पेगु की हत्या पर चिंता जताई, उनका कहना है कि ये दोनों मुसलमानों द्वारा मारे गए हैं जो कि चिंता का विषय है।
ज्ञात हो कि 22 मई को सनातन डेका अपने घर के पीछे उगाई सब्जियों को साइकिल पर रखकर बेचने निकले थे। रास्ते में उनकी साइकिल दो युवकों की स्कूटी से टकराई और स्कूटी पर खरोंच आ गई। स्कूटी चालकों को वह मामूली सी खरोंच देखकर इतना गुस्सा आया कि पहले उन्होंने सनातन को खुद पीटा और फिर अपने तीन अन्य साथियों को बुलवाकर उसे इतना मारा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रितुपर्णा पेगु की इस हत्या से गुस्साए कुछ प्रदर्शनकारियों ने नोनमाटी पुलिस स्टेशन से आरोपितों के निवास तक रास्ते पर पैदल मार्च किया, जहां उन्होंने कुछ वाहनों को भी रोका और एक बस का शीशा भी तोड़ दिया।
अपने सात महीने के बच्चे के साथ मृतक रितुपर्णा की विधवा पत्नी ने भी शनिवार को अपने पति के लिए न्याय और उनके हत्यारों के लिए सजा की माँग करते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी शेयर गए हैं, जिनमें अपने पति के शव को अस्पताल ले जाते वक्त मृतक की पत्नी को बच्चे के साथ मदद के लिए गुहार लगाते हुए देखी जा रही हैं।
असम में जिहादियों द्वारा किडनेपिंग के भी अपराध
शनिवार (जून 13, 2020) को ही एक अन्य घटना सामने आई है, जिसमें महिबुल इस्लाम ने एक युवती का अपहरण कर लिया। महिबुल इस्लाम ने बारपेटा में सरथेबरी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले कावामीरी रिजर्व नंबर 6 में सुदेव सरकार की 13 वर्षीय बच्ची का उसके घर से अपहरण कर लिया।
आरोपित महिबुल इस्लाम का घर बरपेटा जिले के शालमारा के भालुकी में है। महिबुल इस्लाम ने हवली के अब्दुल जलील की मदद से इस किशोरी का अपहरण किया है। महिबुल इस्लाम और अब्दुल जलील के खिलाफ सरथेबारी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस किशोरी की तलाश कर रही है।
असम में जिहादियों के अपराधों की बढ़ रही घटनाओं से लोग आक्रोशित होने के साथ-साथ डरे हुए भी हैं। ऐसी ही घटनाएँ पाकिस्तान में भी आए दिन सामने आती रहती हैं, जहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं की बेटियों को उनके घर से अगवा कर उनका बलात्कार और जबरन इस्लाम में धर्मांतरण तो करवाते ही हैं, साथ ही उन्हें जिहादीों से निकाह करने पर भी मजबूर करते हैं।