पुणे
‘हम बनेंगे हिन्दू राष्ट्र के भागीदार’ कहते हुए राष्ट्र-धर्म के लिए कार्य करने का निश्चय !
पुणे: विश्वभर में कोरोना का प्रकोप, प्राकृतिक एवं आर्थिक आपदाएं उत्पन् हुई हैं । ऐसे संकटकाल में सुदृढ शरीर, सक्षम मनोबल एवं ईश्वरीय अधिष्ठान प्राप्त कर स्वयं का परिवार, समाज एवं राष्ट्र का सक्षम आधार बनने हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना अत्यंत आवश्यक है । इसी उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ७ जून को आयोजित ऑनलाइन शौर्यजागृति व्याख्यान का धर्मप्रेमी एवं राष्ट्रप्रेमियों का उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ । ४६५ से भी अधिक राष्ट्रप्रेमियों ने संगणकीय प्रणाली के द्वारा इस व्याख्यान का लाभ उठाया । इस अवसरपर उपस्थित धर्मप्रेमियों ने हम बनेंगे हिन्दू राष्ट्र के भागीदार बोलते हुए राष्ट्र-धर्म का कार्य करने का निश्चय किया ।
प्रार्थना एवं श्लोक से व्याख्यान का आरंभ हुआ । उसके पश्चात हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विजय चौधरी ने व्याख्यान का उद्देश्य बताया । तत्पश्चात समिति के श्री. सर्जेराव ढोकरे की क्षात्रतेजयुक्त घोषणाओं से व्याख्यान में नवचेतना जागी । समिति के युवा संगठक श्री. निरंजर चोडणकर ने ‘संकटकाल में साधना का महत्त्व’ विषयपर, साथ ही समिति के युवा संगठक श्री. सुमित सागवेकर ने ‘शौर्य जागरण की आवश्यकता’ विषयपर उपस्थित धर्मप्रेमियों को संबोधित किया । इस अवसरपर एक वीडियो के माध्यम से समिति की ओर से निःशुल्क चलाए जानेवाले स्वरक्षा प्रशिक्षण के प्रदर्शन दिखाए गए । उपस्थित धर्मप्रेमियों ने मनोगत व्यक्त कर अपने-अपने क्षेत्र में ऑनलाइन स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग आरंभ करने की मांग की । व्याख्यान के अंत में सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने साधना के संदर्भ में मार्गदर्शन कर उपस्थित धर्मप्रेमियों को अध्यात्म का महत्त्व विशद किया ।
सोलापुर (महाराष्ट्र) में ऑनलाइन शौर्यजागरण व्याख्यान का धर्मप्रेमियों ने किया प्रत्युत्तर
सोलापुर : स्वतंत्रतावीर सावरकर जयंती, रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस एवं धर्मवीर संभाजी महाराज जयंती के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २९ मई को ऑनलाइन शौर्यजागरण व्याख्यान का आयोजन किया गया था । इस व्याख्यान में सोलापुर, बीड एवं धाराशिव जनपदों के ५० धर्मप्रेमी सहभागी हुए । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगे ने ‘स्वतंत्रतावीर सावरकरजी का मातृभूमि हेतु समर्पण एवं त्याग’ विषयपर धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन किया ।
छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य के संदर्भ में बताते हुए हिन्दू जनजागृति समितिप्रणीत रणरागिनी शाखा की अलका व्हनमारे ने छत्रपति संभाजी महाराज का हिन्दू धर्म न त्यागने हेतु प्राणों का बलिदान दिया जाना, साथ ही ब्रिटिशों से अपने राज्य की रक्षा करने के लिए झांसी की रानी द्वारा की गई प्रयासों की पराकाष्ठा के संदर्भ में जानकारी दी । व्याख्यान के समापन के अवसरपर स्वतंत्रतावीर सावरकरजी की जय हो, रणरागिनी झांसी की रानी की जय हो, एवं धर्मवीर संभाजी महाराज की जय हो की घोषणाएं की गईं ।