सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला दिया है कि कोरोना महामारी के फैलने के डर और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जगन्नाथ मंदिर में होने वाली वार्षिक रथयात्रा ना निकाली जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सोशल मीडिया में लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर हमने इस साल रथयात्रा की इजाजत दे दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद लोगों में भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की तुलना ईद और रमजान से करते हुए आपत्ति जताई है।
संदीप सिंह ने ट्विटर पर इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा – “सुप्रीम कोर्ट ने रमजान और ईद के लिए कुछ नहीं कहा। अगर सुप्रीम कोर्ट पक्षपाती है तो उसका पालन क्यों?”
Supreme court did not say anything for Ramzan and Eid.
If Supreme Court is biased then why obey it? https://t.co/E1u7IyAKjI— Sandeep Singh (@sandeep_author) June 18, 2020
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है – सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा को रद्द किया जाना बहुत दुखद समाचार है। जब मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि खुल सकते हैं तो इसे रद्द क्यों किया गया। कृपया इसकी समीक्षा करें। हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उत्सव मनाना चाहते हैं। 40 से 50 ही रथ यात्रा में जुट सकते हैं।
Famous jagarnath yatra cancelled by supreme court it's very sad news,when Temple, mosque, church etc can open then why cancelled it.
Please review it.
We want to celebrate with #SocialDistancing
40 to 50 can only gather at Rath Yatra and let's celebrate….
Jai jagannath ?? pic.twitter.com/WaYg2InLa3— Prashant Choudhary (@pprsnt1) June 18, 2020
जगन्नाथ मंदिर रथ यात्रा को स्थगित करने के फैसले से लोग निराश हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले से दूर रहना चाहिए वहीं कुछ ट्विटर यूजर्स ने लिखा है कि इस मामले पर एक पुनर्विचार याचिका दायर की जानी चाहिए।
https://twitter.com/subhasishkar29/status/1273531890352312321
दरअसल, मंदिर प्रशासन ने राज्य सरकार से बिना भक्तों के रथयात्रा निकालने की अनुमति भी माँगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगने के बाद से सरकार ने कोई गाइड लाइन जारी नहीं की थी।
गौरतलब है कि भुवनेश्वर के ओडिशा विकास परिषद एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर कहा कि रथयात्रा से कोरोना फैलने का खतरा हो सकता है। इसमें कहा गया था कि अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर कोर्ट दीपावली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो फिर रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती?