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गलवान पर चीन का अधिकार नहीं, गलत दावा कर रही है चीनी सरकार : तिब्बती PM

तिब्बत की निर्वासित सरकार के पीएम लोबसंग सांगेय ने कहा कि गलवान वैली पर चीन का अधिकार नहीं है। अगर चीनी सरकार ऐसा दावा कर रही है तो ये गलत है, क्योंकि गलवान नाम ही लद्दाख का दिया हुआ है, फिर ऐसे दावों का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

पीएम लोबसंग सांगेय ने कहा कि अहिंसा भारत की परंपरा है और यहाँ इसका पालन होता है। वहीं, चीन अहिंसा की बातें तो करता है, लेकिन पालन नहीं करता। वो हिंसा का पालन करता है। इसका सबूत तिब्बत है। चीन ने हिंसा के दम पर ही तिब्बत पर कब्जा किया है।

इस विवाद से निपटने को लेकर सांगेय ने कहा कि तिब्बत को जोन ऑफ पीस बनाना होगा। दोनों सीमाएँ आर्मी फ्री होनी चाहिए, तभी शांति होगी। भारत और चीन के बीच तिब्बत है और जब तक तिब्बत का मुद्दा हल नहीं होता, तब तक तनाव की स्थिति बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि चीन एशिया में नंबर-1 बनना चाहता है। एशिया में उसका मुकाबला भारत, इंडोनेशिया और जापान से है, इसलिए वो लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नेपाल और भूटान पर कब्जा करना चाहता है। पहले उसने डोकलाम में नापाक हरकत की, अब लद्दाख में अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दी हैं। उधर, नेपाल से भी भारत के रिश्ते थोड़े बिगड़ गए हैं।

पीएम सांगेय ने कहा कि आर्थिक मोर्चो पर चीन को सबक सिखाया जा सकता है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक रुचि में से आपको चुनना है। राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर है। पीएम मोदी ने कुछ करार रद्द करके चीन को संदेश दे दिया है। सांगेय ने कहा कि भारत-चीन के बीच जो व्यापार चल रहा है, उससे चीन को डबल, ट्रिपल फायदा हो रहा है। ऐसे में व्यापार पर नियंत्रण से असर होना स्वाभाविक है।

गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख बॉर्डर पर गलवान घाटी के पास हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की बात मीडिया में सामने आई है। वहीं, भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इस झड़प में 20 भारतीय सैनिकों को वीरगति प्राप्त हुई।

चीन के साथ हालिया तनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (जून 19, 2020) को सर्वदलीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि हमारी एक इंच जमीन भी कोई नहीं ले सकता। हमारे किसी पोस्‍ट पर दूसरे देश का कब्‍जा नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “चीन ने ना तो हमारी सीमा में घुसपैठ की है, ना ही किसी पोस्ट को कब्जे में लिया है। हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता को आँख दिखाई उन्हें सबक सिखा दिया।”

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