इस साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा (Jagannath Puri Rath Yatra) को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने जो रोक लगाई थी उसे हटा लिया गया है। सोमवार को शीर्ष कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने शर्तों के साथ रथयात्रा को निकालने की अनुमति जारी कर दी है। यात्रा निकाले जाने को लेकर 16 पिटीशन दाखिल हुईं थी।
इस मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोवडे ने तीन जजों की बेंच गठित की है। इस बेंच में सीजेआई एसए बोवडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल हैं। बता दें कि ओडिशा की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा इस साल 23 जून यानी मंगलवार को शुरू होना थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक जगह पर लाखों लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं दी थी।
याचिकाओं में कही ये बात
सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई याचिकाओं में कहा गया है कि जगन्नाथ रथयात्रा सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था है। इस यात्रा को सिर्फ पुरी में ही निकालने की इजाजत दी जाए। मांग की गई है कि पुरी की मुख्य रथयात्रा को ही अनुमति दे दी जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट से आग्रह किया गया है कि यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों के बजाय सिर्फ 500-600 लोगों को ही अनुमति दी जाए। इस दौरान कोरोना से बचाव संबंधी सभी गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
बीजेपी नेता पात्रा ने भी अर्जी की दाखिल
पुरी जगन्नाथ यात्रा को लेकर बीजेपी नेता संबित पात्रा की ओर से भी सर्वोच्च न्यायालय में पिटीशन दाखिल की गई है। याचिका में उन्होंने कहा है कि भगवान जगन्नाथ के उन 800 सेवायतों के माध्यम से भक्तों की मंडली के बिना रथयात्रा निकालने की अनुमति दी जा सकता है।
BJP ने कहा- फैसले में संशोधन के लिए SC जाए ओडिशा सरकार, शंकराचार्य से करे चर्चा
23 जून को आषाढ़ द्वितीया। इसी तिथि पर हर साल धूमधाम से जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा आयोजित की जाती है। वैश्विक कोरोना संक्रमण को देखते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाले रथ यात्रा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि अगर उन्होंने इस साल इसकी इजाजत दे दी तो भगवान जगन्नाथ उन्हें माफ नहीं करेंगे।
रविवार (जून 21, 2020) को ओडिशा भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती ने पुरी में रथ यात्रा के संचालन के लिए राज्य सरकार से पुरी के राजा गजपति दिब्यसिंह देब के प्रस्ताव के अनुसार कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार को पुरी शंकराचार्य से भी चर्चा करनी चाहिए।
#RathYatraCancelled: #Odisha BJP president Samir Mohanty appeals State Govt to take steps as per #Puri King Dibyasingha Deb's proposal for conduct of #RathYatra in Puri; says, "Odisha govt should also discuss the matter with Puri Shankaracharya." pic.twitter.com/NMGK2xrwWk
— OTV (@otvnews) June 21, 2020
जारी किए गए एक वीडियो में समीर मोहंती ने कहा कि सरकार को दिए गए विस्तृत पत्र में गजपति द्वारा उठाए गए मुद्दों का विश्लेषण करना चाहिए और उसके अनुसार कदम उठाना चाहिए।
गजपति ने शनिवार (जून 20, 2020) को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिख कर रथ यात्रा को अनुमति देने के लिए अपने आदेश को संशोधित करने के लिए तत्काल सर्वोच्च न्यायालय का रूख करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि गहन विचार-विमर्श के बाद, प्रबंध समिति और छठिहसा निजोगा ने सर्वसम्मति से सरकार से अपील करने का फैसला किया।
गजपति महाराजा ने COVID-19 महामारी के खिलाफ पर्याप्त सावधानियों के बीच रथ यात्रा आयोजित करने के अपने तर्क के लिए शास्त्रों, परंपराओं, ऐतिहासिक तथ्यों को उद्धृत करते हुए औचित्य को भी सामने रखा।
भाजपा नेता ने सरकार से इस मुद्दे पर पुरी शंकराचार्य से परामर्श करने को कहा, क्योंकि पिछले दो दिनों से अदालत के साथ-साथ अधिकारियों से भी अपील जा रही है।
गौरतलब है कि शुक्रवार (जून 20, 2020) को भाजपा ने एक बयान में कहा था कि यद्यपि यह दुखद है, लेकिन हर किसी को रथयात्रा पर शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करना चाहिए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा था, “हमें सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए कि इस महीने महामारी चरम पर है।”
हालाँकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता बिजय महापात्रा ने कहा कि भगवान जगन्नाथ के सबसे बड़े उत्सव को अचानक रद्द किए जाने से राज्य सरकार की भूमिका ‘‘संदेह’’ के दायरे में रहेगी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करना सभी का दायित्व है, लेकिन महामारी के बीच रथयात्रा के आयोजन को लेकर सरकार की तरफ से इच्छाशक्ति की कमी थी।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा में रथ यात्रा को लेकर राज्य सरकार पहले से ही संदेह के घेरे में है। बुधवार (जून 10, 2020) को बीजेपी ने ओडिशा सरकार से इस पर स्थिति स्पष्ट करने की माँग की थी। भाजपा के प्रदेश महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने संवाददाताओं से कहा था कि रथ यात्रा में कुछ ही दिन बचे हैं और राज्य सरकार की चुप्पी से भक्तों और ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों में चिंता पैदा हो गई है।
भाजपा नेता ने कहा था कि इस समय तक उत्सव के लिए तैयारी बैठकें होनी चाहिए थीं लेकिन आयोजन को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण कोई चर्चा नहीं हुई है। हरिचंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री को बयान देना चाहिए और राज्य तथा देश के लाखों लोगों के मन से संदेह दूर करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण राज्य सरकार रथ यात्रा कराने के पक्ष में नहीं दिख रही है।
पुरी शंकराचार्य ने किया सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का विरोध
विशेष परिस्थिति में न्यायलय अवकाश के दिनों में भी खुल सकता है । परसो रथयात्रा है; मध्य में केवल एक दिन शेष है । अतः रथयात्रा को पूर्णतः बन्द करने का यह सुनियोजित प्रकल्प है।#RathaYatraShouldNotStop@narendramodi @AmitShah@rsprasad @CMO_Odisha pic.twitter.com/etR2OBlQvY
— Govardhan Math (@govardhanmath) June 21, 2020
रथयात्रा के निर्णय पर न्यायाधीश पुनः विचार करें।#RathaYatraShouldNotStop#supremecourtofindia pic.twitter.com/TzUPznY7fw
— Govardhan Math (@govardhanmath) June 21, 2020
हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता ने भी किया विरोध
हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने भी पुरी रथ यात्रा के विषय में मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर विरोध प्रकट किया है ।
I support#SaveRathYatra
The last time the #RathYatra festival could not be held was between 1733 and 1735, Mohammed Taqi Khan attacked Temple#RathaYatraShouldNotStop @HDL_Global @KapilMishra_IND pic.twitter.com/eBPC8j7ifX— Ichalkaranjikar V.S. (@ssvirendra) June 20, 2020
#SaveRathYatra
Whether certain facts were concealed from #SupremeCourt ? Such as order of #Odisa HC and the detailed preparations of the #RathYatra isolating hundreds of sevaks ?Fraud played on crores of #Hindus ?
Will be testing in SC again@ReclaimTemples @HinduJagrutiOrg pic.twitter.com/OUaM2kldkp— Ichalkaranjikar V.S. (@ssvirendra) June 20, 2020
#SaveRathYatra
Queues before liquor shops are permitted, whatever distance long !But devotees pulling the #RathaYatra by following social distancing will not be permitted,
What a pity ! @kanimozhi @HinduMandirLive @ReclaimTemples @SG_HJS @SGBJP #RathaYatraShouldNotStop pic.twitter.com/wlvwQtVJlA— Ichalkaranjikar V.S. (@ssvirendra) June 20, 2020