कोरोना के नाम पर रोगियों को लूटनेवाले ठाणे के दो निजी अस्पताल !
वर्तमान में कोरोना की महामारी चल रही है । उसका अनुचित लाभ उठाते हुए ठाणे के ‘ठाणे हेल्थ केयर’ एवं ‘सफायर’ इन दो निजी अस्पतालों ने रोगियों से अधिक देयक वसूला तथा आवश्यकता न होते हुए भी रोगियों को अस्पताल में रोके रखा था, यह निदर्शन में आया था । इसके लिए ठाणे महानगरपालिका के अधिकारियों ने उन अस्पतालों से कुल १६ लाख रुपयों का दंड वसूल किया था; परंतु केवल दंड लेना पर्याप्त नहीं है, अपितु नियमानुसार उक्त अस्पतालों के विरोध में फौजदारी अपराध प्रविष्ट करना और उनसे रोगियों को क्षतिपूर्ति प्राप्त करवाना आवश्यक है । इस दृष्टि सेे ठाणे महानगरपालिका के अधिकारी तत्काल कार्यवाही करें अन्यथा न्यायालय में न्याय मांगना पडेगा, ऐसा इशारा हिन्दू जनजागृति समिति की ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ ने एक शिकायत निवेदन के माध्यम से ठाणे महापालिका प्रशासन को दी है
आरोग्य साहाय्य समिति की ठाणे जनपद की डॉ. (श्रीमती) स्वाती पेंडभाजे ने ठाणे महानगरपालिका आयुक्त को इससे संबंधित शिकायत की है । इस शिकायत में आगे कहा है कि, रोगियों से अपेक्षाकृत अधिक शुल्क लेना यह केवल कोविड-19 नियमों का भंग करनेवाला ही नहीं, अपितु रोगियों का विश्वास भंग करनेवाला तथा रोगियों को लूटनेवाला कृत्य था, यह अधिकारियों के ध्यान में कैसे नहीं आया ? इन दोनों अस्पतालों के मालिक, व्यवस्थापक, न्यास के न्यासी तथा अस्पताल के कार्यालयीन कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत करना अपेक्षित था अथवा इस प्रकार की शिकायत किए हुए पीडित रोगियों की शिकायतें पुलिस विभाग को भेजना आवश्यक था; परंतु वैसा कुछ नहीं किया गया है । इसका अर्थ है, इन अस्पतालों ने अभी तक रोगियों को करोडों रुपयों से ठगा है तथा अब कुछ न्याय किया है, यह दिखाने के लिए उनसे नाममात्र दंड वसूला गया तथा अस्पताल प्रशासन को कारागृह जाने से बचाया गया । ठाणे महानगरपालिका के अधिकारियों को यह क्यों नहीं लगा कि, इस अपराधी कृत्य का अन्वेषण करना चाहिए । इसकी भी पूछताछ होनी चाहिए ।
इस प्रकरण में महापालिका के अधिकारी दोषी दिखाई दें, तो उनकी संपत्ति, बैंक खाते, खर्च, निवासस्थान आदि सभी की पूछताछ होना आवश्यक है तथा कोरोना महामारी के उपचार के लिए निष्पाप रोगियों को ठगने के प्रकरण में इन अस्पतालों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत करने के लिए ठाणे महानगरपालिका प्रशासन को कार्यवाही करना आवश्यक है । ठाणे महापालिका प्रशासन यदि इस प्रकरण में ढील बरतेगा, तो अगली कानूनी कार्यवाही के लिए न्यायालय में जनहित याचिका प्रविष्ट करने हेतु बाध्य होना पडेगा तथा उसके लिए व्यक्तिगत रूप से ठाणे पालिका आयुक्त उत्तरदायी होंगे, ऐसा भी इस निवेदन में कहा गया है ।