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असम में अब सौरभ दास की निर्मम हत्या, सेसा नदी में फेंकी लाश : रहीमुद्दीन, बहादुर अली समेत 3 गिरफ्तार

पिछले १ माह में चौथी हत्या !

क्या असम बन रहा है कश्मीर ? असम में हिन्दुओं की हो रही हत्याओं का किसी भी सेक्युलरवादियों ने विरोध नहीं किया न ही किसी मीडिया ने इसे ‘ब्रेकिंग न्यूज’ बनाया ! अब कहां जाती है इनकी धर्मनिरपेक्षता ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

असम के डिब्रूगढ जिले के लेजाई में एक और हिन्दू युवक की हत्या के बाद तनाव फैल गया है। मृत युवक की पहचान सौरभ दास के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार (जून 19, 2020) रात बदमाशों ने सौरभ की हत्या कर लाश कथित तौर पर सेसा नदी में फेंक दी।

पुलिस ने हत्या के सिलसिले में रहीमुद्दीन अली और बहादुर शाह अली समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, सौरभ की हत्या लव अफेयर संबंधी विवादों में हत्या की गई है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सौरभ शुक्रवार यानी हत्या वाले दिन रहीमुद्दीन अहमद के घर गया था और उनके बीच गर्मागर्म बहस हो गई थी।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह एक पूर्व नियोजित हत्या है। हम घटना की उचित जांच की मांग करते हैं। हम तब तक चुप नहीं रहेंगे, जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिल जाती।”

लेजाई के एक अन्य निवासी ने कहा, “हम अब ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग करते हैं। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम आंदोलन तेज करेंगे।”

सौरभ दास की हत्या के विरोध में शनिवार (जून 20, 2020) को लेजाई क्षेत्र के निवासियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को ब्लॉक कर दिया और टायर जलाकर विरोध दर्ज कराया। उत्तेजित भीड़ ने दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की।

इस बीच, डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन ने लेजाई और बोर्डोइबाम क्षेत्रों में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को देखते हुए जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस आदेश का उल्लंघन करना धारा 188 आईपीसी के तहत दंडनीय है।

गौरतलब है कि इससे पहले 22 मई को सनातन डेका की साइकिल दो युवकों की स्कूटी से टकराई और स्कूटी पर खरोंच आ गई थी। स्कूटी चालकों को वह मामूली सी खरोंच देखकर इतना गुस्सा आया कि पहले उन्होंने सनातन को खुद पीटा और फिर अपने तीन अन्य साथियों को बुलवाकर उसे इतना मारा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में फैजुल हक और युसूफउद्दीन अहमद को गिरफ्तार किया था।

इसके बाद 29 मई 2020 को 23 वर्षीय देबाशीष गोगोई की मॉब लिंचिंग करके हत्या कर दी गई थी। देबाशीष के पिता ने बताया कि उनकी आँखों के सामने ही उनके बेटे को मारा-पीटा जाता रहा। इस मामले में आसिफ नायक, अशोक सावरा, सचिन सावरा और राधेश्याम कुर्मी चौकीदार दीपक छाबरा को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह मुस्लिम युवकों ने रितुपर्णा नाम के युवक की दिनदहाड़े हत्या कर कर दी थी। मामले में दुलाल अली, इब्राहिम अली, इब्राहिम की अम्मी मनोवर खातुन, हुसैन अली और अरमान अली को गिरफ्तार किया गया था।

स्त्रोत : OpIndia

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