राजस्थान के अलवर में एक पिता, जो कि जिहादी समुदाय के आरोपितों को अपनी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार के आरोप में सजा दिलाने के लिए अदालत में केस लड़ रहे थे, सुनवाई से ठीक पहले पेड़ से लटके हुए मृत पाए गए हैं। यह घटना अलवर के रामगढ़ की है, जो हिन्दू विरोधी घटनाओं के लिए कुख्यात मेवात से सटा है। ख़ास बात यह है कि मीडिया में अभी तक भी रामगढ़ की इस घटना को स्थान नहीं दिया जा रहा है।
In Ramgarh Alwar, Anish Khan raped a minor Hindu girl.
Her father refused to withdraw the case.
So Mahmud, Anjum, Taufiq, Umardin gang killed the victim's father and hanged him from the tree.
Yeh to dare hue Hain. Nahin to ladki Ka dharam badalwa ke nikah bhi Kar Lete! pic.twitter.com/iO9pihHjsH
— Nitin Gupta (@Nitin_Rivaldo) June 25, 2020
मृतक के परिजनों का आरोप है कि मंगलवार (जून 23, 2020) देर रात आरोपित उन्हें घर से बुलाकर ले गए थे और उनकी हत्या कर पेड़ से लटका दिया। इस संबंध में सुमराद्दीन, महमूद, अंजुम, तौफीक और अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया गया है।
बताया जा रहा है कि रामगढ़ के अलवर में अनीश खान ने एक नाबालिग हिंदू लड़की के साथ बलात्कार का प्रयास किया और जब उसके पिता ने केस वापस लेने से इनकार कर दिया तो महमूद, अंजुम, तौफीक, उमरदीन ने पीड़िता के पिता की कथित तौर पर हत्या कर दी और उसे पेड़ से लटका दिया। हालाँकि, इस मामले में पुलिस अभी जाँच कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बलात्कार पीड़िता के आरोपितों द्वारा उनके परिवार पर केस को वापस लेने और राजीनामे के लिए बार-बार दबाव बनाया जा रहा था। और इसी बीच पीड़िता के पिता का शव उनके घर से महज 500 मीटर दूर पेड़ से लटका हुआ मिला है।
लोगों का कहना है कि पुलिस इस मामले को आत्महत्या बता रही है, जबकि उनके परिवार के सदस्यों ने इसे हत्या बताते हुए 4 नामजद समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। पुलिस द्वारा इस मामले में ढील बरते जाने और उनके रवैए को लेकर पीड़िता का परिवार इस से तंग आ चुका था। जिस कारण सम्भव है कि पीड़िता के पिता ने यह कदम उठाया हो।
दरअसल, कुछ ही दिन पहले रामगढ़ में कुछ लोगों ने एक नाबालिग से बलात्कार की कोशिश की थी, जिससे खुद को बचाने के लिए पीड़िता ने कुएँ में छलांग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की लेकिन तभी ग्रामीणों ने उसे कुएँ से निकाल कर बचा लिया था।
इस घटना के बाद पीड़िता ने रामगढ़ थाने में अनीश, तौफिक और अंजुम के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस ने आरोपितों पर मामला दर्ज करने से मना कर दिया और इस मामले में सिर्फ 3 युवकों को शांतिभंग के आरोप में पकड़ लिया।
बाद में इस मामले के मीडिया में सामने आने पर पुलिस ने गत 20 जून रात को FIR दर्ज कर मुख्य आरोपित अनीश खान को POCSO एक्ट में गिरफ्तार किया, जबकि उसका साथ देने वाले अन्य 2 अन्य आरोपित- तौफिक और अंजुम को पुलिस बचाने में लगी रही।
उल्लेखनीय है कि मेवात और इसके पास का क्षेत्र भारत के भीतर ही पाकिस्तान की शक्ल ले रहा है, जहाँ आए दिन जिहादियों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार, बलात्कार और कई प्रकार के मामले सामने आए हैं और प्रशासन भी इस सम्बन्ध में मूक दर्शक बना हुआ है।