आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (KLF) के 3 आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए हैं। इनसे पूछताछ में पता चला है कि इनके निशाने पर हिंदूवादी नेताओं समेत अमृतसर के शिवसेना नेता और डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी थे।
अब इसी जानकारी के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने प्रदेश के हिंदू नेताओं की सुरक्षा कड़ी कर दी है। साथ ही हिंदू नेताओं की सुरक्षा में जुटे पंजाब पुलिस के जवानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ दिन पहले हिंदू नेता सुधीर सूरी जेल से जमानत पर बाहर आए हैं। उन्हें आतंकी संगठनों की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों के मद्देनजर सरकार ने उन्हें 12 सुरक्षाकर्मी दे रखे हैं।
वहीं, ब्राह्मण कल्याण मंच के संस्थापक नरेश धामी और हिंदू धर्म सत्कार कमेटी के प्रमुख भी सुरक्षा घेरे में हैं। उक्त नेताओं के क्षेत्र से संबंधित प्रत्येक थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज को अलर्ट किया गया है।
अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार, दिल्ली से गिरफ्तार तीनों आतंकी पाकिस्तान में मारे गए KLF के आतंकवादी हैप्पी पीएचडी के भी संपर्क में रह चुके हैं। इन तीनों की पहचान आतंकी मोहिंदर पाल सिंह, गुरतेज सिंह और लवप्रीत सिंह के तौर पर हुई है।
इन्हें लेकर यह भी कहा जा रहा है कि ये तीनों अमृतसर के जंडियाला गुरु क्षेत्र में खालिस्तानी मूवमेंट से जुड़े आतंकी गुरमीत सिंह और विक्रमजीत सिंह से भी संबंध रखते थे।
पूछताछ में तीनों ने खुलासा किया कि ये सभी भारत से बाहर बैठे खालिस्तानी आतंकियों के लगातार संपर्क में थे और आईएसआई की पनाह में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के इशारे पर हिंदू संगठनों के नेताओं की टारगेट किलिंग का प्लान बना रहे थे। इसके अलावा हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाक जाने का प्रयास कर रहे थे।
दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के आतंकी गुरतेज सिंह का संबंध आतंकी जगतार सिंह हवारा से है। हवारा वही शख्स है, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में दोषी है। बताया जाता है कि हवारा द्वारा बनाई गई आतंकियों की 21 सदस्यों वाली कमेटी का वह सक्रिय सदस्य है।