आनेवाले भीषण काल की दृष्टि से डॉक्टरों को राष्ट्र-धर्म के कार्य में योगदान देने की आवश्यकता ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
एक कोरोना ने अपने सामने संपूर्ण विश्व को घुटने टेकने पर बाध्य कर दिया है । अनेक संतों ने पहले भी बताया है आनेवाले काल में और भी भीषण आपत्काल आनेवाला है । इसमें युद्ध अथवा मानवनिर्मित आपत्तियों के आगमन से समाजरक्षा का बहुत बडा दायित्व हम पर आनेवाला है । ऐसे समय पर सभी डॉक्टरों को समाज में जाकर विविध घटकों को प्राथमिक स्तर पर वैद्यकीय प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है । किसी भी आपत्ति के आने पर क्या करना चाहिए, यह समाज को सिखाना आवश्यक है । इस हेतु सर्व डॉक्टरों को राष्ट्र-धर्म के कार्य में अपना योगदान देना चाहिए, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने किया।
वे सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से 28 जून को एक ऑनलाइन वैद्यकीय कार्यशाला में ‘राष्ट्र-धर्म की वर्तमान स्थिति और डॉक्टरों का योगदान’ इस विषय पर बोल रहे थे । इस कार्यशाला को विदर्भ, मराठवाडा और उत्तर महाराष्ट्र से भारी संख्या में डॉक्टर, इसके साथ ही सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पूज्य अशोक पात्रीकर भी उपस्थित थे । शंखनाद और वेदमंत्रों के पठन से इस कार्यशाला का शुभारंभ हुआ । हिन्दू जनजागृति समिति के विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर ने कार्यशाला का उद्देश्य बताया और हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने ‘आगामी काल में सभी डॉक्टरों को एकत्र आकर राष्ट्र-धर्म के लिए कार्य करना अत्यंत आवश्यक है । इसलिए डॉक्टरों को अब आपत्काल की दृष्टि से सक्रिय होने हेतु हर 15 दिनों में एकत्र आने का निश्चय किया है ।
सनातन संस्था के पूज्य अशोक पात्रीकरजी बोले, ‘‘कोरोना के कारण समाज की भीषण परिस्थिति के कारण भारतीयों में मानसिक तनाव व भय निर्माण हो गया है । विकार होने पर उपचार करने की तुलना में विकार हो ही नहीं, इसके लिए प्रयत्न करना आवश्यक है । इसके लिए प्रत्येक को प्रथमोपचार प्रशिक्षण लेकर समाज को सहायता करने पर हम समाजऋण से मुक्त होकर हमारी काल के अनुसार साधना होगी ।
‘आपात्काल में प्रथमोपचार की आवश्यकता और उसके लिए अपने प्रयत्न’ इस विषय पर बोलते हुए कान, नाक व गला तज्ञ डॉ. (श्रीमती) साधना जरळी ने कहा, ‘‘भारत में 10 प्रतिशत मृत्यु प्रथमोपचारों के अभाव में होता है । वर्तमान काल, यह आपात्काल और युद्धजन्य काल है । इसमें समाज को सहायता करना, यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से प्रत्येक जिले में निशुल्क प्रथमोपचार वर्ग लिए जाते हैं । अपने भाग में इस प्रकार के वर्गों का आयोजन करने का प्रयास करें ।’ इस अवसर पर कार्यशाला में उपस्थित डॉक्टरों ने अपना मनोगत व्यक्त किया । निशुल्क प्रथमोपचार वर्ग आयोजित करने हेतु 7057368860 इस क्रमांक का संपर्क करने का आवाहन किया गया है ।