इस सफलता के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्री महालक्ष्मीदेवी के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त !
कोल्हापुर : पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति ने महाराष्ट्र में स्थित ३.५ शक्तिपीठों में से एक श्री महालक्ष्मी मंदिर परिसर में स्थित प्रसिद्ध मनकर्णिका कुण्ड को पुनः खुला करने का निर्णय लिया है तथा ५ जुलाई से इस काम का आरंभ होगा । इस कार्य के लिए ७ सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है । पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थान समिति में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने हेतु, साथ ही मनकर्णिका कुण्ड को खुला करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद ने वर्ष २०१५ से फेरियां निकालना, आंदोलन, ज्ञापन प्रस्तुति और विधानसभा में प्रश्न उठाने जैसी वैधानिक पद्धतियों से संघर्ष किया है । इसमें शिवसेना, श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान आदि हिन्दुत्वनिष्ठ राजनीतिक दल और संगठनों का, साथ ही श्री महालक्ष्मी देवीभक्तों का सक्रिय सहभाग था । श्री महालक्ष्मी मंदिर परिसर में स्थित मनकर्णिका कुण्ड खुला करने के कार्य का आरंभ होना हिन्दू जनजागृति समिति तथा हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा किए गए संघर्ष की सफलता है । हिन्दू जनजागृति समिति के कोंकण विभाग, पश्चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने विज्ञप्ति प्रकाशित कर इसकी जानकारी दी है । इस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि,
१. इस सफलता के लिए समिति ने श्री महालक्ष्मीदेवी के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त की है । साथ ही कुण्ड खुला करने का काम निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कर श्रद्धालुओं को इस चैतन्यमय कुण्ड का लाभ कराया जाना तथा कुण्ड की पवित्रता को बनाए रखने हेतु सभी को प्रयास करना अपेक्षित है ।
२. हिन्दू जनजागृति समिति ने पुनः यह मांग की है कि पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के घोटाले के प्रकरण में महाराष्ट्र के तत्कालिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में ८ अप्रैल २०१५ को राज्य आपराधिक अन्वेषण (सीआईडी) के विशेष दल की ओर से जांच के आदेश दिए थे । उसके अनुसार इस महाघोटाले की जांच आरंभ हुई परंतु अब ५ वर्ष बीतकर भी क्या सीआईडी ने इसकी जांच की और क्या शासन को उसका ब्यौरा प्रस्तुत किया गया, इनमें से कोई भी बात बार-बार समीक्षा कर भी जनता के सामने नहीं आई है । अतः राज्य आपराधिक अन्वेषण शाखा द्वारा की गई जांच का ब्यौरार जनता के सामने रखकर दोषियों को कठोर दंड दिया जाए । (ऐसी मांग करनी ही क्यों पडती है ? प्रशासन को स्वयं ही भ्रष्टाचार के संदर्भ में की गई कार्यवाही की जानकारी जनता के सामने उजागर करनी चाहिए । ५ वर्ष के पश्चात भी इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं होती हो, तो क्या इससे भ्रष्टाचार क्या कभी समाप्त हो पाएगा ? इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु अब हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ! – संपादक)