हिंदुओ, क्या प्रशासनने धर्मांधोंको कभी उनके धार्मिकस्थल हेतु ऐसा निर्णय लेनेकी बात कही है ?
मुंबई, २२ अप्रैल (वार्ता.) – श्रीक्षेत्र पंढरपुरमें महिलाओंने, ‘बोतल आडी करें’, की तरफसे बहुमतसे मतदान किया तो वहां मदिरा बनाने, बिक्री तथा पीनेपर १०० प्रतिशत बंदी लगाई जाएगी, ऐसा आश्वासन उत्पादन शुल्कमंत्री गणेश नाईकजीने वारकरी तथा हिंदुनिष्ठ प्रतिनिधिमंडलको दिया । राष्ट्रीय वारकरी सेनाके कोकण प्रांताध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकर तथा हिंदू जनजागृति समितिके मुंबई समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरजीने हाल ही में विधान भवनमें नाईकजीसे भेंट कर उन्हें आवेदन दिया; उस अवसरपर वे बोल रहे थे । वारकरियोंके लिए सबसे बडा एवं महत्वपूर्ण तीर्थक्षेत्र पंढरपुर मदिरा-मांस मुक्त हो, यह वारकरी संप्रदायकी आग्रही मांग है, तथा मंत्री महोदय उनके मंत्रीपदका उपयोग धर्मकार्य हेतु करें, ऐसा आवाहन ह.भ.प. बापू महाराज रावकरजीने इस अवसरपर किया । इसका उत्तर देते हुए नाईकजीने कहा, ‘मेरे अधिकारमें केवल मदिराका विषय है । मांसबंदीका विषय मेरे अधिकारमें नहीं आता । तीर्थक्षेत्रोंमें मदिरा-मांस नहीं होना चाहिए, ऐसा मेरा विचार है; किंतु अधिनियमकी कक्षासे बाहर जाकर मैं कुछ नहीं कर सकता । मेरी भी कुछ मर्यादाएं हैं । (क्या कभी कोई धर्मांध मंत्री अपने धार्मिकस्थलका पावित्र्य सुरक्षित रखने हेतु अधिनियमकी अडचन बताता, हिंदू इसपर विचार करें । हिंदूके संगठित न होनेसे प्रशासन उन्हें कोई महत्त्व नहीं देता, यह बात ध्यानमें रखकर धार्मिकस्थलोंका सर्वार्थसे पावित्र्य जतन करने हेतु हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके बिना कोई पर्याय नहीं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) मदिराबंदी करने हेतु अभिप्राय लेना आवश्यक होता है । उसमें मदिरा चालू रहे इस हेतु खडी बोतल तथा मदिराबंदी हेतु आडी बोतलके विकल्प दिए जाते हैं । उसमें ‘बोतल आडी करो’, इस तरफसे राय मिलनेपर मदिराबंदी की जाती है । मदिराबंदी हेतु पहले आप तहसीलदारको आवेदन दो । उसके बाद वे राय देंगे । उस हेतु मैं आपको उस आवेदनका विहित नमुना उपलब्ध कराउंगा ।’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात