बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। इस बार घटना बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के बारिसल विभाग के दिघिरजन (Dighirjan) गांव की है।
बांग्लादेश दर्पण के अनुसार, वहां कुछ मुस्लिम युवकों ने सोमवार को 200 साल पुराने शिव मंदिर के बाहर जमकर तोड़फोड़ की। ये मंदिर निजी स्वामित्व वाली भूमि पर बना था और इसके चारों ओर बांस की बाड़ से घेराव हो रखा था।
घटना का एक वीडियो भी इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में नीले रंग के कपड़ों में एक आदमी मंदिर के चारों ओर लगे बांस के बाड़ को डंडों से तोड़ता दिख रहा है।
वीडियो में हिंदू युवक की आवाज भी सुनाई दे रही है। जो कहता है, “दर्शकों देखो कैसे हिंदुओं का यहां शोषण होता है। हम यहां सदियों से रह रहे हैं। लेकिन अब ये हमारे बाड़ को तोड़ रहे हैं। अवामी लीग सरकार के तहत देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखो।”
পিরোজপুরে ২০০ বছরের পুরনো শিব মন্দিরের জায়গা দখল
২০০ বছরের পুরনো শিব মন্দিরের জায়গা জোরপূর্বক দখলের ঘটনা ঘটেছে। বিস্তারিত পড়ুন: http://www.bangladeshdarpan.com/article/2020/07/07/730/forcibly-occupying-the-site-of-a-200-year-old-shiva-temple
Posted by BangladeshDarpan.com on Monday, July 6, 2020
वहीं एक दूसरा युवक वीडियो में कहता सुना जा सकता है कि ये तोड़फोड़ लूट करने की कोशिश है और ये हरकत उनकी भावनाओं को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है।
वीडियो में हम देख सकते हैं कि तोड़फोड़ करने वाले युवक को लगातार देखने के बाद मौके पर खड़ा एक लाल टीशर्ट में युवक भी तोड़फोड़ करने लगता है। वह बांस के बाड़ को उखाड़ता है और फिर दूसरी दिशा में उसे गिरा देता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इलाके में जमीन हड़पने वालों की नजर काफी समय से हिंदुओं की संपत्ति पर थी। इसी कारण तहसीलदार मोहम्मद शाहजहां शेख, मोहम्मद हिदायत शेख और मोहम्मद कामरुल शेख वहां आए और बांस के बाड़ को तोड़कर अवैध रूप से जमीन हड़पने की कोशिश की।
ये जमीन द्रिपन मजूमदार की है। वह शहीद जनानी कॉलेज में बतौर प्रिंसिपल काम करते हैं। वह हिंदू-बुद्धि-ईसाई एकता काउंसिल के उपाध्यक्ष भी हैं। मजूमदार का आरोप है कि इस मामले में उनके हस्तक्षेप के बाद भी उपद्रवी बांस के बाड़ को तोड़ते रहे और उन लोगों ने उनके व उनके परिवार की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया।
रिपोर्ट्स की मानें तो इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि पैसा और रुतबा होने के बाद भी बांग्लादेश में हिंदुओं का शोषण जारी है। आखिर ये सब कब तक चलेगा? अन्याय के ख़िलाफ़ खड़ा होना पड़ेगा। अभी भी समय है, सब ठीक किया जा सकता है।
गौरतलब हो कि बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों मई माह में ही हिंदुओं को प्रताड़ित करने वाली कई घटनाएँ सामने आई थीं।
वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन बांग्लादेश चैप्टर (world hindu federation bangladesh chapter) द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार मई 2020 में ही हिंदुओं के 10 मंदिरों को तोड़ दिया गया था और देवी-देवताओं की मूर्तियों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था।