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अब भगवान कार्तिकेय के मन्त्र का अपमान, पेरियारवादी यूट्यूब चैनल ने कहा- लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी

देशभर में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जब देखा जाता है कि हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक और उन पर भद्दे चुटकुले बनाकर कुछ तथाकथित कॉमेडियन चर्चा का विषय बन जाते हैं। अभी तक ऐसे मामले उत्तर भारत में ही अक्सर देखे और सुने जाते थे। लेकिन ताजा विवाद में एक तमिल भाषी यूट्यूब चैनल द्वारा भगवान कार्तिकेय की आराधना का उपहास बनाया गया है।

भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) की स्तुति का अपमान करने को लेकर तमिलनाडु के साइबर क्राइम ब्रांच (CCB) द्वारा पेरियारिस्ट-द्रविड़वादी कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे एक तमिल यूट्यूब चैनल, ‘करुप्पार कूटम’ (Karuppar Koottam) के खिलाफ मामला दर्ज होने के दो दिन बाद, पुलिस ने बुधवार (जुलाई 15, 2020) शाम चैनल के प्रमुख सदस्यों में से एक एम सेंथिल वासन और इसके एंकर सुरेन्द्रन को गिरफ्तार कर लिया।

चैनल के एक अन्य प्रमुख एंकर सुरेंद्र नटराजन ने कहा है कि उसने गिरफ्तारी को रोकने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में एक अग्रिम याचिका दायर की थी।

पुलिस ने भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष एमएन राजा की ओर से भाजपा के राज्य युवा विंग के नेता विनोज पी सेल्वम, तमिलनाडु में राज्य भाजपा अधिवक्ता मंडल के प्रमुख आरसी पॉल कनकराज द्वारा दायर शिकायतों के आधार पर गिरफ्तारियाँ की है।

ऑपइंडिया को तमिल भाषी करन प्रवीण (Karan Praveen) ने बताया कि यह विवाद एक यूट्यूब चैनल द्वारा भगवान कार्तिकेय, जो कि हिन्दू देवता भगवान शिव के पुत्र हैं, की आराधना का मजाक बनाने से शुरू हुआ।

करन ने बताया कि यूट्यूब चैनल करुप्पार कूटम (काला समूह/ भीड़) द्वारा बनाए गए एक वीडियो में पवित्र स्कंद षष्ठी कवचम (भगवान स्कंद का एक भजन, भगवान शिव का पुत्र, उनकी सम्पूर्ण सुरक्षा की माँग करते हुए) में तमिल हिंदुओं की भावना को अपमानित किया है।

स्कंद षष्ठी कवचम, एक ऐसा भजन है, जिसका पाठ तमिल हिंदुओं के घरों में प्रतिदिन किया जाता है। लोग अच्छे स्वास्थ्य, भाग्य और मानसिक शांति पाने के लिए इस भजन का पाठ करते हैं। करण ने बताया कि जिस प्रकार उत्तर भारत में हनुमान चालीसा पढ़ना हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख हिस्सा है, ठीक उसी प्रकार दक्षिण भारत में वो भगवान कार्तिकेय से अपने शरीर की रक्षा और मंगल कामना के लिए उनकी आरती करते हैं।

लेकिन अक्सर हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुँचाने वाले पेरियारवादी विचारधारा के समर्थक इस यूट्यूब चैनल द्वारा इस रक्षा कवच मन्त्र का बेहद अश्लील तरीके से इस्तेमाल किया गया है। करण ने बताया कि यह स्थानीय बोली में भी इतना बेहूदा है कि इसका वर्णन तक नहीं किया जा सकता।

करुप्पार कूटम यूट्यूब चैनल के वीडियो में, विशेष रूप से, 64 और 92 के बीच छंदों का उपहास किया गया है। ये छंद भगवान स्कंद से शरीर के प्रत्येक भाग को सिर से पैर तक की सुरक्षा के लिए पढ़े जाते हैं।

करन प्रवीण ने कहा, “भगवान कार्तिकेय, जिन्हें कि हम तमिल में ‘मुरुगन’ कहते हैं, को तमिलों का देवता कहा जाता है और उनकी इस आराधना को निशाना बनाना तमिल हिन्दुओं की आस्था और पहचान पर ही हमला है।”

इस विवादित वीडियो में, करुप्पार कूटम, जो डीएमके-सहयोगी पेरियारवादी विचारकों के समर्थन पर आधारित है, ने इन छंदों के साथ अश्लील, अपमानजनक और बेहद घिनौने तरीके से छेड़खानी करते हुए शरीर के जननांगों को सुरक्षित करने की माँग की है, जो कि हिन्दुओं की आस्था को उपहास बनाने के उद्देश्य से किया गया।

साइबर क्राइम ब्रांच ने सुरेन्द्रन के खिलाफ बीते सोमवार को आईपीसी की धारा 153, 153 (ए) (1) (ए), 295 (पी), 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।

FIR दर्ज होते ही यूट्यूब चैनल करुप्पार कूटम के एक एंकर सुरेन्द्र नटराजन ने, बृहस्पतिवार (जुलाई 16, 2020) को पुदुचेरी में, तमिलनाडु की केंद्रीय अपराध शाखा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

आत्मसमर्पण से पहले सुरेन्द्रन ने पेरियार को फूलों की माला भी पहनाई। लोगों का कहना है कि यह हरकत राजनीतिक लाभ और पेरियारवादी विचारधारा को प्रकाश में लाने के मकसद से की गई है।

इस बीच, पुलिस ने बुधवार शाम एक 49 वर्षीय व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान वेलाचेरी के निवासी एम सेंथिल वासन के रूप में की गई, जो ‘करुप्पार कूटम’ यूट्यूब चैनल का ही सदस्य है।

बुधवार (जुलाई 15, 2020) को मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष दायर की गई अपनी अग्रिम जमानत अर्जी में करुप्पार कूटम के सुरेंद्रन (33) उर्फ ​​’नाथिकन’ ने कहा था कि लोकतंत्र में यह उसकी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता है और इसे अपराध नहीं कहा जाना चाहिए।

अपने आवेदन में पत्रकार होने का दावा करने वाले सुरेन्द्रन ने उल्लेख किया कि वह YouTube चैनल ‘करुप्पार कूटम’ के वीडियो एंकरों में से एक है। जिस वीडियो को लेकर विवाद हुआ उसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं –

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