आगरा में वेदनगर के बाद अब मलपुरा थाना क्षेत्र के गांव डावली में क्रिसमस की शाम एक मुस्लिम परिवार के विधि-विधान से हिंदू धर्म अपनाने का मामला सामने आया है। धर्मांतरण करने वाले इस संयुक्त परिवार में तीन पीढ़ियों के 17 सदस्य शामिल हैं। जांच के लिए गए सीओ और एसडीएम से भी परिवार ने स्वेच्छा से धर्म अपनाने की बात कही है। लेकिन इन लोगों ने धर्मांतरण के बाद रखे गए बताए हिंदू नाम से मतदाता परिचय पत्र कई माह पहले ही बनवा लिए थे। इससे सभी दावे संदेह के घेरे में आ गए हैं।
डावली के मजरा रठिया में रहमत पुत्र महताब और उनके चार बेटे पेशे से मजदूर हैं। परिवार में उनकी और तीन बेटों की पत्नियां हैं। बेटों के कई बच्चे हैं। चौथा बेटा अविवाहित है। रहमत ने बताया कि गुरुवार शाम को नगला ब्राह्मण के लव पंडित की सलाह पर उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया। लव का कहना है कि इस परिवार की अरसे से हिंदू धर्म में आस्था थी। युवा पंडित ने हवन-पूजन कराया। सभी ने तिलक लगवाया। कलावा बांधा और देवी दुर्गा की चुनरी ओढ़ भजन गाए। शुक्रवार को भी सुबह सबने पूजा की।
बताया गया कि सभी ने नाम भी बदल लिए। रहमत ने गठेली, उनकी पत्नी सायरा ने विद्या देवी, बड़े बेटे आरिफ ने रवि, उसकी पत्नी नफीसा ने मंजू, मंझले मुन्ना ने सुघड़, पत्नी शाजिया ने राजो, छोटे शौकत ने राजू, उसकी पत्नी सलमा ने कांता और सबसे छोटे बेटे लियाकत ने कलुआ नाम धारण किया। तीनों बेटों के बच्चों के नाम भी हिंदू धर्म के अनुसार रखे गए। लेकिन परिवार के बालिग सदस्यों के पास इसी नाम और धर्म के बीते मार्च से जुलाई के बीच बने मतदाता परिचय पत्र सामने आने से धर्मांतरण की गुत्थी उलझ गई है।
गठेली बने रहमत ने बताया कि वह मथुरा के ओल कस्बे के मूल निवासी हैं। करीब 25 साल पहले सपरिवार डावली में आ बसे। उन्हें राशन कार्ड आदि अन्य सरकारी सुविधाएं अब तक नहीं मिली थीं। उन्हें उम्मीद है कि धर्मपरिवर्तन के बाद ये सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी। इसका या कोई और लालच दिए जाने से उन्होंने इनकार किया। वहीं लव पंडित ने कहा कि भले अलीगढ़ में 25 दिसंबर को होने वाला बृहद धर्मवापसी कार्यक्रम बड़े नेताओं को टालना पड़ा लेकिन उसी से प्रेरित होकर उन्होंने यह काम इसी दिन कराने का फैसला किया। यह परिवार संपर्क में था ही। इसके सदस्य हिंदू नाम और एक तरीके से धर्म भी अपना ही चुके थे तो उन्होंने इसी दिन उनका ‘शुद्धिकरण’ कराया और इसको सार्वजनिक कर दिया।
स्त्रोत : अमर उजाला