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2 साल तक अपनी ही नाबालिग बेटी से मदरसा शिक्षक अब्बू 6 साथियों के साथ करता रहा रेप

केरल के कासरगोड जिले की नीलेश्वर पुलिस ने सोमवार (जुलाई 20, 2020) को 50 वर्षीय एक मदरसा शिक्षक को गिरफ्तार किया है, जो अपनी 16 वर्षीय बेटी के साथ पिछले दो वर्षों से बार-बार रेप और यौन शोषण कर रहा था।

जानकारी के मुताबिक पीड़िता के साथ उसके अब्बू समेत 7 लोगों ने बलात्कार किया था। पुलिस ने मदरसा शिक्षक (पीड़िता का अब्बू) सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। 3 की तलाश जारी है। मदरसा शिक्षक के अलावा गिरफ्तार तीन आरोपितों के नाम रियास (19), एजाज (20) और मोहम्मद अली (20) है। सभी सात आरोपितों के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Janam TV की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में दावा किया कि उसके पिता तीन साल से उसके साथ छेड़छाड़ और बलात्कार कर रहे थे। पीड़िता के साथ घर पर बलात्कार किया गया और एक बार उसका गर्भपात भी कराया गया।

जाँच अधिकारी पीआर मनोज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पीड़िता का दो महीने पहले गर्भापत कराया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “गर्भपात करने वाले डॉक्टर की भी जाँच चल रही है क्योंकि वह अपराध की जानकारी देने में विफल रहा।”

लड़की के मामा के निर्देश पर नीलेश्वरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज होने के बाद यह घटना सामने आई। हालाँकि, पीड़ित की माँ को घटना के बारे में पता था, लेकिन वह पुलिस के पास नहीं पहुँची। पुलिस ने कहा कि घटना को छिपाने के लिए माँ पर भी आरोप लगाया जाएगा। पीआर मनोज का कहना है कि अभी सिर्फ शुरुआती जाँच हुई है, मामले में और भी आरोपित हो सकते हैं।

जाँच अधिकारी के मुताबिक पीड़िता के अब्बू POCSO मामले में पहले से ही अपराधी है। पीआर मनोज ने बताया कि मदरसा शिक्षक का यौन अपराध का अतीत रहा है। 2017 में उस पर चार नाबालिग लड़कों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।

बेकल पुलिस स्टेशन में उस पर POCSO अधिनियम के तहत चार मामले दर्ज किए गए थे, हालाँकि बाद में उसे जमानत मिल गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि वह कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में सुलिया का मूल निवासी है। उसकी एक और पत्नी और पाँच बच्चे हैं। वह मदरसे में पढ़ाने के लिए कासरगोड आया था। मगर बेकल में यौन शोषण आरोप के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था।

गौरतलब है कि इसी तरह के एक मामले में, भोपाल में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण के मुख्य आरोपित प्यारे मियाँ ने भी बेटी के रूप में गोद ली गई 13 साल की बच्ची से भोपाल और इंदौर में दुष्कर्म किया था। जाँच में सामने आया था कि प्यारे मियाँ का रैकेट नाबालिग बच्चियों को फँसाकर रसूखदारों के सामने पेश करता था। इस रैकेट में फँसाई गईं लड़कियाँ प्यारे मियाँ को ‘अब्बू’ कहकर बुलाती थीं।

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