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अफगानिस्तान के 700 प्रताड़ित सिखों, हिंदुओं को भारत में लम्बे समय रहने की दी गई अनुमति

अफगानिस्तान में अपहृत सिख नेता के छोड़ने के कुछ दिनों बाद अब गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान में रहने वाले 700 सिखों और हिंदुओं को दीर्घकालिक वीजा (long-term visa) देने की मंजूरी दे दी है। कश्मीरी पत्रकार आदित्य राज कौल के अनुसार इस तरह का दीर्घकालिक वीजा केवल क्षेत्र में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को दिया जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार स्वतंत्रता दिवस से पहले उक्त अफगान नागरिकों को भारत लाने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल 25 मार्च को हुए गुरुद्वारा पर हमले के बाद लगभग 600 सिखों ने भारत में इतने लंबे समय के वीजा के लिए आवेदन किया था। बता दें कि काबुल में गुर हरराय साहिब गुरुद्वारा में हुए हमले में 27 निर्दोष सिखों की दर्दनाक मौत हो गई थी।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “गृह मंत्रालय ने हाल ही में अफगान सिख और हिंदुओं को भारत में आश्रय देने की माँग को स्वीकार किया है। प्रारम्भ में 700 ऐसे नागरिकों को चिन्हित किया गया है, और उन्हें संभवत 15 अगस्त से पहले सकुशल भारत ले भी आया जाएगा।”

बताया जा रहा है कि भारत में आने वाले अफगान अल्पसंख्यकों में वे लोग शामिल हैं, जिन्हें सुरक्षा संबंधी खतरे हैं और भारत में उनके रिश्तेदार हैं।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बहुत कम सिख और हिंदू समुदाय बचे हैं, जिन्हें ज्यादातर इस्लामी कट्टरपंथी नियंत्रित करते हैं। भारत ने पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाकर पड़ोसी इस्लामिक देशों में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया में ढील दी थी।

अफगानिस्तान में अपहृत सिख को छुड़ाया गया

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में सिख व्यक्ति निधान सिंह सचदेवा का 1 महीने पहले अपहरण कर लिया गया था। उन्हें शनिवार (जुलाई 18, 2020) को छोड़ दिया गया। सिख निधान सिंह सचदेवा को अफगानिस्तान के पक्तिआ प्रान्त में स्थित एक गुरूद्वारे से अपहृत कर लिया गया था। भारत ने उनकी रिहाई के लिए अफगानिस्तान सरकार को धन्यवाद दिया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग सचदेवा ने अफगान नेतृत्व, सुरक्षा बलों और आदिवासी बुजुर्गों की सराहना की। भारत सरकार ने संकेत दिया है कि यदि वह नागरिक संशोधन अधिनियम के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करती है, तो सरकार अनुरोध पर कार्रवाई करेगी। सचदेवा 1990 के दशक में अपने परिवार के साथ भारत आ गए थे और भारतीय नागरिकता के योग्य हैं। सचेदवा ‘लॉन्ग टर्म वीजा’ लेकर लम्बे समय से दिल्ली में रह रहे हैं।

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