साइबराबाद पुलिस ने लोगों को धोखा देने के आरोप में 50 वर्षीय मोहम्मद इस्माइल और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है। वह कथित रूप से जनता को धोखा दे रहा था और दावा कर रहा था कि वह कोरोना वायरस का इलाज कर सकता है।
इस्माइल को शनिवार (जुलाई 25, 2020) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस्माइल पर धोखाधड़ी और महामारी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप लगाया है।
वह हाफिज़पेट के मार्तंडा नगर में मरीजों के घर पर जाकर उनका ‘इलाज’ किया करता था। उसकी प्रथाओं के बारे में जानने के बाद, पुलिस ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और इस्माइल और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। मियापुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एस वेंकटेश ने बताया कि इस्माइल और उसके सहयोगी के खिलाफ बयान देने के लिए दो पीड़ित सामने आए हैं।
वह अपनी विशेष प्रार्थनाओं का उपयोग करके मौसमी बुखार को ठीक करने के लिए प्रसिद्ध था और पिछले चार वर्षों से सक्रिय था। जब कोविड -19 महामारी ने देश में अपनी जड़ें फैलानी शुरू कीं, तो उसने इसी का इलाज करने का दावा करना शुरू कर दिया। उसने व्हाट्सएप ग्रुपों पर भी अपना सन्देश फैला रखा था।
मरीजों के परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार को देखते हुए ‘उपचार’ के लिए 5000 से 50000 रुपए तक वसूलता था। हाल ही में उसने घातक बीमारी का इलाज करने के बहाने एक मरीज से 40,000 रुपए ऐंठे थे। उसने दावा किया कि ऐसी बीमारियों को ठीक करने के लिए उनके पास असाधारण शक्तियाँ मौजूद हैं।
पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि अगर उन्हें कोरोना वायरस के लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें, न कि किसी धर्मगुरु से।
हालाँकि एक बात जो इस गिरफ्तारी के बारे में नहीं बदली, वह यह है कि लगभग हर मेनस्ट्रीम मीडिया हाउस ने इसे फकीर या मौलवी कहने के बजाय कोरोना बाबा या फेक बाबा कहकर हिंदू स्पिन देने की कोशिश की। वैसे यह पहली बार नहीं है जब मीडिया ने गलत तरीके से अंधविश्वास फैलाने के लिए हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि मई 2020 में नई दुनिया समेत कई मीडिया पोर्ट्ल्स ने हेडलाइन में आलिम की जगह ‘तांत्रिक’ शब्द का प्रयोग किया। साथ ही जादू-टोना करने वाले मौलवी की जगह एक पुजारी का स्केच लगा दिया था।
ऐसे ही एक अन्य मामले में अनवर खान निकाह हलाला के नाम पर एक युवती का बलात्कार करता है। पुलिस के सामने उसने अपना गुनाह भी कबूला है। महिला उसके खिलाफ नामजद FIR करती है। लेकिन NDTV जैसे न्यूज़ चैनल चूँकि अपराधी मुस्लिम है तो उसे ‘तांत्रिक’, ‘बाबा’, ‘धर्मगुरु’ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए मामले को स्पिन देकर तथाकथित सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की कोशिश करता है।