एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर फिर ज़हर उगला है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे का भी विरोध किया है। उन्होंने भूमि पूजन में पीएम मोदी के शामिल होने का विरोध करते हुए कहा कि उनका ऐसा करना उनकी उस शपथ का उल्लंघन होगा, जो उन्होंने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करते हुए ली थी।
बकौल असदुद्दीन ओवैसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन में हिस्सा लेना उनके द्वारा ली गई संवैधानिक शपथ का उल्लंघन है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि सेकुलरिज्म हमारे संविधान की सबसे मूल संरचना है। उन्होंने कहा कि वो कभी नहीं भूलेंगे कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद 400 वर्षों तक खड़ा रहा था। उन्होंने 1992 बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने वालों को भी ‘आपराधिक भीड़’ करार दिया।
ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद एक मस्जिद था और हमेशा मस्जिद ही रहेगा। उन्होंने ‘आउटलुक’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि ये उनकी आस्था है और कोई उनसे उनकी आस्था को नहीं छीन सकता। उन्होंने कहा कि अगर बाबरी को ध्वस्त नहीं किया जाता तो शायद राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय भी नहीं आता। उन्होंने इसके लिए दिसम्बर 1949 में मस्जिद में चोरी-चुपके मूर्ति रखने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि मुसलमान अपनी अगली जनरेशन को ये बताते रहेंगे कि मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने मुसलमानों की आवाजों को दबाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बतौर पीएम, मोदी हर धर्म के लोगों के लिए जिम्मेदार हैं और उनके लिए भी, जो किसी धर्म को नहीं मानते। उन्होंने कहा कि 1992 में तत्कालीन यूपी के सीएम और देश के पीएम बाबरी को बचाने में अक्षम रहे।
Attending Bhumi Pujan in official capacity will be a violation of @PMOIndia‘s constitutional oath. Secularism is part of the Basic Structure of Constitution
We can’t forget that for over 400 years Babri stood in Ayodhya & it was demolished by a criminal mob in 1992 https://t.co/qt2RCvJOK1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 28, 2020
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ये मानता है कि अयोध्या जजमेंट फैक्ट पर कम और आस्था पर ज्यादा निर्भर है। उन्होंने पूछा कि अगर ‘1991 प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ मौजूद है, फिर भी ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ का मामला कोर्ट में क्यों पेंडिंग पड़ा हुआ है? उन्होंने इस केस को तुरंत अदालत से बाहर फेंकने की माँग की। साथ ही उन्होंने डर जताया कि भाजपा सरकार इस एक्ट को हटा सकती है।
बता दें कि संबित पात्रा ने राम मंदिर भूमि पूजन का विरोध कर रहे लोगों के लिए ‘कहीं पूजन, कहीं सूजन’ हैशटैग का आइडिया दिया है। संबित पात्रा ने राम मंदिर का विरोध करने वालों को ‘दिलजले’ करार देते हुए ‘कहीं दीप जले, कहीं दिल’ वाले लता मंगेशकर के गाने को याद किया। उन्होंने कहा कि जब ऐसे लोगों का दिल जलेगा तो उसे सूँघ कर उन्हें परम सुख की अनुभूति होगी, जिसे एन्जॉय करना चाहिए।