लाहौर में सिखों के ऐतिहासिक गुरुद्वारे को मस्जिद में बदलने की कोशिश सामने आने के बाद भारत ने इस पर अपना कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि भारत ने इस मामले पर पाकिस्तान से शिकायत की है और कड़ा विरोध दर्ज कराया है। साथ ही जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की माँग की गई है।
श्रीवास्तव ने बताया, “लाहौर के नौलखा बाजार में भाई तारू सिंह जी की शहीदी स्थल पर मस्जिद शहीद गंज के नाम दावा किए जाने की घटना पर पाकिस्तान के उच्चायोग में सोमवार को कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है। इसे मस्जिद बनाए जाने की कोशिश की जा रही है।”
श्रीवास्तव ने इस दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, “पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा, हितों के साथ ही उनके धार्मिक अधिकारों और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करे।”
A strong protest lodged with Pak High Commission on the reported incident where Gurdwara ‘Shahidi Asthan’, site of martyrdom of Bhai Taru Singh ji at Naulakha Bazaar in Lahore, Pak claimed as the place of Masjid Shahid Ganj &attempts are being made to convert it to a mosque: MEA pic.twitter.com/RdSOOMO8Vw
— ANI (@ANI) July 27, 2020
उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा शहीदी स्थान भाई तारु जी एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है, जहाँ भाई तारु जी ने 1745 में सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने कहा, “गुरुद्वारा श्रद्धा का स्थान है और इसे सिख समुदाय द्वारा पवित्र माना जाता है। इस घटना को भारत में गंभीर चिंता के साथ देखा गया है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए न्याय की माँग की जा रही है।”
गौरतलब है कि कल ही पाकिस्तान के लाहौर से ये खबर आई थी कि एक मौलवी ने गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा कर लिया है। उसने एक वीडियो जारी करके सिखों को धमकी दी थी। इसमें कहा गया था कि पाकिस्तान इस्लामी देश है और यहाँ सिर्फ़ मुस्लिम रह सकते हैं।
इस घटना के बाद पाकिस्तान का एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड, ने पुलिस में अपनी शिकायत भी करवाई थी और मौलवी के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की माँग की गई थी।
Another example of persecution of minorities in #Pakistan
A Maulvi of Lahore captured the land of the Gurudwara Shaheed Bhai Taru Singh by saying that Pakistan is only for Muslims.
Pakistan's ISI is also involved in this conspiracy.@ShefVaidya @Sanjay_Dixit @sankrant @DVATW pic.twitter.com/XN0lUmOVfN
— IMShubham (@shubham_jain999) July 27, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मौलवी का नाम सोहेल बट्ट है। वह दावत-ए-इस्लामी (बरेलवी) से जुड़ा है। वह लाहौर में मुस्लिम पैगम्बर हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह का केयरटेकर भी है। उसने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर गुरुद्वारा शहीद भाई तारु सिंह की जमीन पर कब्जा किया।
जमीन कब्जाने के बाद उसने जो वीडियो जारी किया है, उसमें उसने पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सिंह चावला को धमकी दी। गोपाल चावला ने गुरुद्वारा में पिछले साल सिखों के प्रतीक श्री निसाल साहिब को फहराया था। सोहेल ने दावा किया कि गुरुद्वारा और उसके आसपास की 4 से 5 कनाल जमीन हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह और शहीदगंज मस्जिद की है।
कहा जा रहा है कि सोहेल ने ये कदम भू-माफियों के इशारे पर उठाया है। इसमें से एक तो ISI का ऑफिसर जेन साब भी है। मौलवी को वीडियो में कहते सुना जा सकता है, “एक मुस्लिम राष्ट्र होने के नाते पाकिस्तान केवल मुस्लिमों का है। 1947 में पाकिस्तान के बनने के समय करीब 20 लाख मुस्लिमों ने जिंदगी गँवाई थी। ये सिख गुंडागर्दी दिखा रहे हैं। यह एक इस्लामी राष्ट्र है, वे कैसे गुंडागर्दी दिखा सकते हैं? ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि यह साइट हमारी है।”