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मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद, हिंदूवादी नेता शंभूलाल की हत्या : सलीम फरार

उत्तर प्रदेश के बहराइच में मटेरा के पास एक गांव बिबियापुर में सोमवार (जुलाई 27, 2020) को एक 60 वर्षीय हिंदूवादी नेता शंभूलाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामला दो समुदाय से जुड़ा हुआ होने के कारण गांव में तनाव की स्थिति है।

हिंदूवादी नेता शंभूलाल की हत्या के बाद कहा जा रहा है कि पिछले साल दुर्गा पूजा के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद ही हिंदूवादी नेता की हत्या की साजिश रची गई।

सोमवार रात वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपित मौके से फरार हो गए। बाद में एएसपी ग्रामीण व नानपारा सीओ ने घटना स्थल का निरीक्षण कर आरोपितों को पकड़ने के निर्देश दिए। साथ ही मामला 2 समुदायों से जुड़ा देखकर गांव में भारी संख्या में फोर्स की तैनाती कर दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 60 वर्षीय शंभू लाल नवदुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष थे। साथ ही नवरात्रों के मौके पर गांव में मूर्ति स्थापना कराकर उसकी पूजा-पाठ कराने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर थी।

उनकी पत्नी कहती हैं कि पिछले साल गांव में जब प्रतिमा रखी गई थी, तभी से एक विशेष समुदाय से प्रतिमा न रखने को लेकर विवाद हो गया था। इसी बात को लेकर गांव के ही मालिक शेख उर्फ सलीम से विवाद चल रहा था। लेकिन सोमवार की देर शाम यह विवाद उस समय बढ़ा, जब वह दुकान पर सिगरेट पीने गए। इस बीच दोबारा उनकी कहासुनी हो गई।

बाद में उसी रात में जब सब लोग खाना खाकर सोने चले तो अचानक रात के 12 बजे के आसपास गोली चलने की आवाज आई। सबने बाहर जाकर देखा तो शंभू खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें देखते ही घर में कोहराम मच गया। हड़बड़ी में किसी तरह उन्हें मेडिकल कॉलेज पहुँचाया गया। जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें लखनऊ रेफर किया। लेकिन ट्रॉमा सेंटर ले जाते हुए उनकी मौत हो गई।

शंभलालू के शव को घर लाते ही ग्रामीण इकट्ठा होना शुरू हो गए। मौके पर एसएसपी अशोक कुमार व सीओ नानपार जंग बहादुर यादव पहुँचे। उन्होंने परिजनों से बातचीच कर मामले की पूरी जानकारी ली और मालिक शेख उर्फ सलीम के ख़िलाफ़ हत्या व एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया। हालाँकि गिरफ्तारी अभी इस मामले में नहीं हो पाई है क्योंकि सलीम घटना के बाद से फरार है।

ग्रामीण बताते हैं कि पिछली बार नवरात्र में मूर्ति स्थापना को लेकर कहासुनी हुई थी। जिसके बाद से गांव में प्रतिमा को पहली वाली जगह से हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापित किया गया था। बावजूद इसके दूसरे समुदाय के लोग मूर्ति स्थापना को लेकर रंजिश रखते थे।

ऑपइंडिया ने इस संबंध में नानपारा थाने से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन हर बार कॉल व्यस्त होने के कारण संपर्क नहीं हो सका। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में एसपी के बयान का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस मामले में नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस हर बिंदु पर जाँच कर रही है। आरोपित को जल्द हिरासत में लिया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, शंभूलाल वैसे तो अपने परिवार का पालन-पोषण परचून की दुकान चलाकर करते थे। लेकिन समिति अध्यक्ष होने के कारण उनकी पहचान हिंदूवादी नेता के रूप में स्थापित हो चुकी थी। वह नवरात्रि ही नहीं, बल्कि हर पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। उनकी इसी सक्रियता को देखकर वह कुछ लोगों की आँख में खटकते थे। अब उनकी हत्या के बाद गांव का माहौल तनावपूर्ण है। उनके शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर पुलिस ने घरवालों को सौंप दिया है।

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