पाकिस्तान के खैरपुर में बकरीद के मौके पर हिंदू कारोबारी राजा किशन चंद की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी। राजा किशन चंद सुक्कुर पर यह हमला तब किया, जब वे अपने घर लौट रहे थे।
कुछ दिन पहले ही एक अन्य हिंदू व्यापारी मैनक मल की कार पर कुछ बंदूकधारियों ने गोलियाँ चलाई थी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
#BREAKING: Minority Hindu businessman Raja Kishan Chand killed by unknown gunmen in Khairpur of Sindh in Pakistan on Eid. Attack when he was returning home in Sukkur. Few days ago his cousin Maink Mal was seriously injured after gunmen opened fire on his car. pic.twitter.com/hRRom67h9w
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 31, 2020
पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं पर आए दिन किसी ना किसी प्रकार का अत्याचार का मामला सामने आ रहा है। अल्पसंख्यक हिन्दू व्यापारी राजा किशन चंद की मौत की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। लोगों का कहना है कि इसी कारण भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून की जरूरत थी।
And then people here oppose CAA that too with violence!
— Trishna Sharma (@Trishna82233652) July 31, 2020
राजा किशन की हत्या को लेकर अभी तक भी मुख्यधारा की मीडिया में कोई चर्चा नहीं है। हालाँकि, सोशल मीडिया पर लोग उनके लिए न्याय माँग रहे हैं।
Hindu businessman Raja Kishan Chand killed by unknown assailants in #Khairpur, Sindh. He was attacked while returning to his home in #Sukkur. Just days ago another Hindu businessman Maink Mal was seriously wounded after gunmen opened fire on his car. pic.twitter.com/3MhNJtP3Dv
— Rabwah Times (@RabwahTimes) July 31, 2020
गौरतलब है कि पाकिस्तान की केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इसी मई 05, 2020 को वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की गई थी। दावा किया जा रहा था कि पाकिस्तान में इस अल्पसंख्यक आयोग के गठन का प्रमुख उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतन्त्रता उपलब्ध कराना था।
लेकिन इस आयोग के गठन के बाद भी पाकिस्तान में हिन्दुओं पर होने वाले अपराधों में किसी प्रकार की कमी नहीं आई है। लगभर हर दिन ही पाकिस्तान में हिन्दू नाबालिग लड़कियों के अपहरण, बलात्कार, जबरन धर्मांतरण और हत्या के मामले सामने आते रहे हैं।
इसके अलावा, पाकिस्तान के सिंध में हिन्दू, पंजाब में ईसाई धर्म और खैबर पख़्तूनख़्वाह का कैलाश समुदाय, जबरन धर्मांतरण की शिकायत पिछले कई वर्षों से करते आया है। यहाँ तक कि मानवाधिकार आयोग समेत ही अन्य संगठन भी इन मामलों की पुष्टि कर चुके हैं।