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जब अयोध्या में भूमिपूजन का मन रहा था जश्न, कश्मीर में तोड़ दिया शिव मंदिर

5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन हुआ। जब इसका जश्न मन रहा था उसी समय कश्मीर में उपद्रवियों ने एक शिव मंदिर तोड़ दी। कोशूर न्यूज के ट्विटर हैंडल @kpnewschannel ने सोशल मीडिया में इस बात की जानकारी दी है।

घटना कुपवाड़ा के जलखानी गांव की है। यहां शिव मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया है। बताया जाता है कि कुछ साल पहले शिवलिंग के टुकड़े-टुकड़े भी कर दिए गए थे।

एक ट्विटर यूजर ने इस घटना दुख और आक्रोश जताते हुए लिखा, “कुछ साल पहले यहाँ पर शिवलिंग को तोड़ दिया गया था, लेकिन हमारी आस्था देखिए, हम ये सोचकर खुश थे कि कम से कम ढाँचा तो है, मगर इस बार मंदिर को ही धराशायी कर दिया गया। आशा है कि किसी दिन हम इस मंदिर में वापस जाएँगे और प्रार्थना करेंगे। यह दुखद और भयावह है।”

ट्विटर यूजर आगे लिखता है, “यह हास्यास्पद है जब लोग मुझसे कहते हैं कि अपनी भूमि पर वापस बसने के लिए किसी भी समय आपका स्वागत है। यह सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का समय है। वास्तविकता वह नहीं है जिसे चित्रित किया जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

गौरतलब है कि कश्मीर के अधिकतर मंदिर उपेक्षा के कारण खंडहर में बदल गए या फिर उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ध्वस्त कर दिया। इनमें से कई तो 9वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर हैं, जो अब खंडहर रूप में ही शेष रह गए हैं। लेकिन हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था आज भी इन मंदिरों में उतनी ही है जितनी पहले हुआ करती थी।

2012 की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर में पिछले दो दशकों के दौरान राज्य के 208 मंदिरों को नुकसान पहुँचाया गया था। इसमें काफी बड़े पैमाने पर बर्बरता की गई। भाजपा विधायक के प्रश्न के उत्तर में राज्य सरकार ने लिखित जवाब में कहा था, “घाटी के 438 मंदिरों में से 208 मंदिर एक वर्ष में क्षतिग्रस्त हो गए थे।”

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सालों से बंद पड़े 50 हजार मंदिरों को खोलने की तैयारी में है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया था कि जिन मंदिरों का सर्वेक्षण सरकार करवाने जा रही है, वो ऐसे मंदिर हैं, जिन्हें तोड़ा गया है या फिर उनकी मूर्तियाँ खंडित की गई हैं।

उन्होंने कहा था, “हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों के सर्वे के लिए एक कमिटी का गठन किया है, जिन्हें दोबारा खोला जाएगा। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ नष्ट हो गए थे और मूर्तियाँ टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का भी आदेश दिया है।”

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