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कराची में हनुमान मंदिर पर बुलडोजर चलाकर पठान ने बनाया घर : बहुमूल्य प्राचीन मूर्तियां गायब

पाकिस्तान के कराची में एक पठान ने घर बनाने के लिए प्राचीन हनुमान मंदिर पर बुलडोजर चला दिया। मंदिर से पौराणिक वस्तुएँ और बहुमूल्य मूर्तियाँ भी गायब बताई जा रही हैं।

इसकी जानकारी मंदिर के महाराज ने एक न्यूज चैनल को दी। महाराज ने बताया कि कोरोना वायरस के समय में मंदिर-मस्जिद सब बंद रहने के आदेश दिए गए थे। इसलिए वह खामोश होकर बैठ गए। लेकिन अब उन्हें मालूम चला कि उनका मंदिर तोड़ दिया गया है। यह सूचना देते हुए मंदिर के महाराज बेहद दुखी थे और रोते उन्होंने अपना बयान दिया है।

‘वॉयस ऑफ पाकिस्तान मायनॉरिटी’ ने इसकी वीडियो ट्विटर पर अपलोड की है। इस ट्वीट में लिखा है, “अल्पसंख्यकों के पूजास्थल ध्वस्त करके, तुम केवल भावनाएँ आहत नहीं कर रहे, बल्कि इतिहास भी नष्ट कर रहे हो। कराची के सिंध में स्थित पौराणिक हनुमान मंदिर पर एक रसूखदार मुसलमान ने बुलडोजर चलवा दिया क्योंकि वह वहाँ घर बनाना चाहता था।”

इसके बाद दूसरी ट्वीट में अकॉउंट से महाराज की वीडियो अपलोड की गई। महाराज को कहते सुना जा सकता है कि उन्होंने मंदिर की खबर सुनने के बाद बड़े महाराज से अनुरोध किया कि वे क्या कर रहे हैं? उन लोगों की पूजा रुकी हुई है।

वे कहते हैं, “हमने बड़े महाराज से कहा कि हमारी पूजा 5-6 महीने से रुकी हुई है। आप कहते हो कि हो जाएगा-हो जाएगा। लेकिन अब ये मुकाम आ गया है कि इन्होंने हमारा मंदिर तोड़ दिया।” इतना कहते ही महाराज रोने लगते हैं।

महाराज बताते हैं कि मंदिर के पास रह रहे लोगों को घर से बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह पर जो घर बनने जा रहे हैं उसके लिए 5 लोगों ने बुकिंग की है। लेकिन उन्हें भी अभी घर नहीं मिले हैं।

इसके बाद एक अन्य युवक ने बताया कि इस मामले पर पहले से विवाद था। लेकिन कुछ समय पहले लोगों ने जगह की घेराबंदी की और फिर बिना किसी को कुछ भी बताए मंदिर को तोड़ दिया।

युवक ने बताया कि मंदिर से मूर्तियाँ भी गायब हैं और जब पूछा जा रहा है कि मूर्तियों को कहाँ रखा गया, तो वह कहते हैं कि उन्हें कुछ पता ही नहीं है। ज्ञात हो कि इस संबंध में मंदिर प्रशासन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी इस मसले पर बात चल रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थल पर हमले की खबर पर एक मामला गुरुद्वारे का भी आया था। जब एक मुस्लिम उलेमा ने भाई तारू सिंह के नाम पर बने गुरुद्वारे की भूमि पर कब्जा कर लिया था और वीडियो जारी करके धमकी भी दी थी।

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