पणजी : स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में गोवा के पेडणे का विकास महाविद्यालय, बाळ्ळी का सरकारी माध्यमिक विद्यालय और काणकोण के मल्लिकार्जुन विद्यालय के छात्रों के लिए क्रांतिकारियों की जानकारी देनेवाली ऑनलाइन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था । १७५ से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने इस प्रदर्शनी का लाभ उठाया । इस समय गुगल मीट एप के माध्यम से प्रदर्शनी दिखाई गई । इस प्रदर्शनी में भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करनेवाले विविध क्रांतिकारी और बालक्रांतिकारियों के शौर्य की जानकारी दी गई, साथ ही राष्ट्रध्वज का अनादर रोकें अभियान के अंतर्गत राष्ट्रध्वज का विविध माध्यमों से होनेवाले अनादर के संदर्भ में उद्बोधन किया गया । अनेक छात्रों ने इस प्रदर्शनी के उद्बोधक होने की तथा इतिहास के प्रति गर्व उत्पन्न करनेवाले होने की बात बताई ।
इस अवसरपर उपस्थित छात्रों और शिक्षकों का मार्गदर्शन करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती वेदिका पालन ने कहा, आज भारत को स्वतंत्रता मिलकर भले ही ७४ वर्ष पूरे हुए हों; परंतु क्या हम वास्तव में स्वतंत्र हैं ?; क्योंकि लोकमान्य तिलकजी को अपेक्षित स्वराज्य का आज भारत में अस्तित्व नहीं है । स्वभाषा, संस्कृति और स्वधर्म के प्रति गर्व रखने की अपेक्षा आज देश में पाश्चात्य संस्कृति का बडी मात्रा में अंधानुकरण हो रहा है । इसके कारण हम आज भी वैचारिक गुलामी में ही जी रहे हैं । इस वैचारिक गुलामी को नष्ट करने के लिए हमें प्रयास करने आवश्यक है । आज की युवा पीढी को अभिनेता और क्रिकेट खिलाडियों की अपेक्षा क्रांतिकारियों का आदर्शअ रखना आवश्यक है । हमारे इतिहास का विकृतिकरण किया जा रहा है तथा उसे रोकने हेतु सभी युवकों को प्रधानता लेनी चाहिए ।
कार्यक्रम के संदर्भ में अभिप्राय
शारदा देसाई, प्रधानाध्यापिका, सरकारी माध्यमिक विद्यालय, बाळ्ळी : कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था । इसमें १०० छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया । इस कार्यक्रम के कारण स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिए हुए सहस्रों ज्ञात-अज्ञात क्रांतिकारियों की जानकारी मिली । युवा वर्ग को प्रेरणा मिलने की दृष्टि से यह कार्यक्रम अत्यंत महत्त्वपूर्ण सिद्ध हुआ । छात्रों ने भी उन्हें कार्यक्रम अच्छा लगने की प्रतिक्रियाएं दीं हैं । सभी विद्यालयों में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर सभीतक क्रांतिकारियों की जानकारी पहुंचाना आवश्यक है । इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति का अभिनंदन एवं कृतज्ञता !
श्रुति भैरेली : यह कार्यक्रम सचमुच ही बहुत अच्छा था । इस कार्यक्रम के मार्गदर्शकों ने हमें राष्ट्रध्वज का सम्मान किस प्रकार रखना चाहिए, इस संदर्भ में बताया, साथ ही स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करनेवाले क्रांतिकारियों की भी जानकारी दी । हमें इतिहास की कुछ सत्य घटनाएं ज्ञात नहीं थी, वह इस कार्यक्रम से ज्ञात हुईं ।