पौष शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
जबलपुर – मन को मेडिटेशन से कंट्रोल करके बीमारियां ठीक की जा सकती हैं। यह सब हो रहा है अमेरिका में। अजब बात यह है कि भारत के ग्रंथों में पाए जाने वाले योग के बल पर अमेरिका के डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। वहीं भारत में डॉक्टर दवाओं पर निर्भर हैं। यह खुलासा अमेरिका के मैसाचुएट्स शहर से आए ७९ वर्षीय डॉ. सीबीएस पटेल ने किया। वे मेडिकल कॉलेज के हीरक जयंती समारोह के दौरान आयोजित साइंटिफिक सेशन में ‘माइंड बॉडी मेडिसिन’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।
ऐसे होता है उपचार
- माइंड (मन) की शक्ति से शरीर की बीमारी का किया जाता है इलाज।
- मरीज के ब्रेन का फंक्शनल एमआरआई किया जाता है।
- इसका ब्लड टेस्ट, ईसीजी, ईईजी किया जाता है।
- ग्रुप में मेडिटेशन कराया जाता है।
- मेडिटेशन के बाद मरीज के ब्रेन का फंक्शनल एमआरआई लिया जाता है।
ये है वैज्ञानिक तथ्य
मेडिटेशन से शरीर में पॉजीटिव एनर्जी बढ़ती है, इससे शरीर में सोई हुई शक्ति रिचार्ज होती है। इसे फंक्शनल एमआरआई से समझा जा सकता है। ब्रेन की बिना मेडिटेशन और मेडिटेशन के बाद की एमआरआई में फर्क साफ नजर आता है। यह एनर्जी पूरे शरीर में जाती है,इसकी ऊर्जा से पॉजीटिव जीन जागृत होते हैं। इससे बीमार अंगों को फायदा होता है। घाव भरने की प्रक्रिया (हीलिंग) में यह बहुत असर करती है।
किस तरह की बीमारी पर असर
नींद न आना, घाव, कैंसर के दर्द, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सर्जरी के बाद घाव जल्द भरने में फायदा करता है।
गाडरवारा के डॉ. पटेल
डॉ. सीबीएस पटेल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से १९५६ में सेकंड बैच के स्टूडेंट रहे। उन्होंने १९६३ में एमडी किया। इनका जन्म गाडरवारा में १९३५ में हुआ। डॉ. पटेल १९६८ में अमेरिका चले गए। वहां वे मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग में लेक्चरार हो गए। डॉ. पटेल ने मन को शरीर की दवा के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जाए (माईंड, बॉडी, मेडिसिन) इस पर १५० रिसर्च पेपर प्रकाशित किए।
महर्षि महेश योगी के टीएम (ट्रान्सनेटिव मेडिसिन) जिसमें मेडिटेशन सिखाया जाता है, इसका विदेशों में काफी प्रभाव है। अमेरिका और इंग्लैंड में लोग यह देखकर चकित हैं कि किस तरह से मेडिटेशन से हीलिंग हो जाती है और रोग ठीक हो जाते हैं। कभी-कभी वे इसे हिप्नोटिज्म कहते हैं लेकिन उनको जब साईंटिफिक तरीके से बताया जाता है तो वे भी मेडिटेशन सीखते हैं। अमेरिका के मेडिकल कॉलेजों में इसके लिए विभाग खोले जा रहे हैं।
-डॉ. सीबीएस पटेल, मनोरोग विशेषज्ञ, मैसाचुएट्स, अमेरिका.
स्त्रोत : नई दुनिया