सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता के भतीजे पर तमिलनाडु के रामनाथपुरम में एक अरुण कुमार नाम के युवक की बेरहमी से हत्या करने आरोप लगा है। एसडीपीआई कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) की राजनीतिक शाखा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरेश गैंग के दो सदस्य बदमाश बनने के बाद गैंग छोड़कर चले गए। वे इलाके में अपना ड्रग कार्टेल शुरू करना चाहते थे। जिसके बाद सुरेश ने अपने गैंग के नौ सदस्यों को शेख के नेतृत्व में भेजा, ताकि दोनों को मारा जा सके। लेकिन उन्होंने गलती से वहां पर खड़े अरुण कुमार नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी। ऐसा भी कहा जा रहा है कि गैंगस्टरों ने अरुण कुमार को उन्हीं दो बदमाशों का साथी समझ के मार डाला।
तमिलनाडु के एक हिंदू समूह इंदु मक्कल काची ने आरोप लगाया है कि अरुण को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह अपने क्षेत्र में गणेश चतुर्थी समारोह का प्रमुख था।
Arunkumar Murdered by Extremist elements, for celebrating Ganesha Chathurti. pic.twitter.com/WQVLkXY8wa
— Indu Makkal Katchi – இந்து மக்கள் கட்சி ( Off ) (@Indumakalktchi) August 31, 2020
स्वराज्य न्यूज़ पोर्टल के अनुसार उन्होंने इस घटना पर वहां के एक स्थानीय नेता से बात की। जिसनें उन्हें बताया कि सुरेश गिरोह के महत्वपूर्ण सदस्य विक्की और कामातचाई ने उनका कार्टेल छोड़ दिया था। वे अपना खुद का ड्रग कारोबार शुरू करना चाहते थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शेख रामनाथपुरम में एसडीपीआई के जिला सचिव नजीमुद्दीन का भतीजा है। शेख ने ही गिरोह के 9 बदमाशों की टीम का नेतृत्व किया था। जिसे गैंग के दो विद्रोहियों को मारने का काम सौंपा गया था।
स्थानीय नेता ने कहा, “शेख के नेतृत्व वाले नौ सदस्यों के गिरोह ने कल रात विक्की और कामातची पर हमला किया जब वे एक ऑटोरिक्शा स्टैंड पर खड़े थे। हालाँकि, इस हमले में वे दोनों बच गए, लेकिन वहां खड़े अरुण कुमार इस हमले के दौरान फँस गए।” उन्होंने आगे कहा कि गिरोह ने यह सोच कर अरुण पर हमला किया होगा कि वह उन दोनों के साथ था। वहीं हमले के बाद अस्पताल ले जाते समय कुमार की मृत्यु हो गई।
अरुण की मौत के बाद, पुलिस ने तुरंत सुरेश को हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही पुलिस ने हत्या में शामिल गिरोह के नौ सदस्यों को खोजने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है। रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर पुलिस ने तट के पास एक जंगल जैसे क्षेत्र को घेर लिया है। जहां वे सभी छिपे हुए हैं।
पुलिस ने इस मामले में दिया एक अलग एंगल
रामनाथपुरम के पुलिस अधिकारियों ने स्वराज्य को बताया कि तीन दोस्तों के विवाद के बीच अरुण मारा गया। तीन दोस्तों में से एक बदमाश था, जिसकी वजह से अरुण कुमार की हत्या हुई। उस उपद्रवी व्यक्ति की वजह से एक व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है वहीं दूसरे की मौत हो गई है। जबकि स्थानीय नेता ने एक अन्य व्यक्ति के घायल होने के उनके दावों का खंडन किया है।
तमिलनाडु : गणेश उत्सव झांकी निकालने पर कट्टरपंथियों ने की अरुण कुमार की बेरहमी से हत्या
September 1, 2020
तमिलनाडु के रामनाथपुरम में गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाते वक़्त कट्टरपंथियों ने अरुण कुमार नाम के एक शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी। यह हत्या दिन के उजाले में की गई। बता दें कि गणेश विसर्जन के दौरान निकाले गए जुलूस में अरुण कुमार भी शामिल थे। वो भक्ति में लीन होकर उस पल का आनंद ले रहे थे, मगर उन्हें कहां पता था कि कट्टरपंथी उनके साथ क्या करने वाले हैं।
Ramanathapuram is known for its divine temples & Jih@dis like all temple districts have invaded this too
Kerala based I$lamists operate here. Few months back Three ISIS terrorists were arrested& one more on the run after hacking a SI#HindusInDanger
https://t.co/2LRiVkTzrN— अरुन् पुदुर् (@arunpudur) September 1, 2020
बताया जा रहा है कि जुलूस बिना किसी हिंसा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निकाला जा रहा था। फिर भी कुछ कट्टरपंथियों ने जुलूस पर हमला कर दिया और अरुण कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी। कथित तौर पर कट्टरपंथियों ने रामनाथपुरम के कलार स्ट्रीट पर गणेश चतुर्थी का नेतृत्व करने की वजह से अरुण कुमार और किशोर पर जानलेवा हमला किया। जिसमें अरुण कुमार की मृत्यु हो गई है और किशोर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
इस खौफनाक घटना से लोगों में काफी रोष है। सोशल मीडिया यूजर्स अरुण कुमार के लिए न्याय की माँग कर रहे हैं। इसके साथ ही वो हमले को अंजाम देने वाले कट्टरपंथियों की गिरफ्तारी और मामले में जाँच की माँग भी कर रहे हैं।
एक सोशल मीडिया यूजर्स ने इस घटना की जानकारी देते हुए लिखा है, “तमिलनाडु के रामनाथपुरम में अरुण कुमार गणेश जुलूस का आनंद ले रहे थे, उन्हें पता नहीं था कि ‘शांतिपूर्ण’ लोगों के पास उनके लिए एक अलग योजना थी, जिन्होंने दिन के उजाले में उनकी हत्या कर दी। किसी भी मीडिया हाउस या किसी भी द्रविड़ राजनीतिक दल ने इसकी निंदा नहीं की। तमिलनाडु अब अगला केरल है।”
All over India they are doing same thing. They know very well that in every state there are greedy politicians who will save him for their community vote in the name of secularism. Next time when go to vote, please ignore seculars. They are more dangerous.
— KUMAR (@ABHAYKUMAR_DLW) September 1, 2020
एक अन्य ट्विटर यूजर ने इसका जवाब देते हुए लिखा है, “पूरे भारत में वे एक ही तरह का काम कर रहे हैं। वे अच्छी तरह से जानते हैं कि हर राज्य में लालची राजनेता हैं, जो उन्हें सेक्युलरिज्म के नाम पर अपने समुदाय के वोट के लिए बचाएँगे। अगली बार जब वोट देने जाएँ तो कृपया सेक्युलरों की उपेक्षा करें। वे अधिक खतरनाक हैं।”